महराजगंज के 'शुगर फ्री' चावल की धूम
महराजगंज का शुगर फ्री चावल अब देश-विदेश के विभिन्न हिस्सों में धूम मचा रहा है। यहां के स्टीम प्लांट में तैयार 'शुगर फ्री' चावल की मांग मुंबई, दिल्ली, कोलकाता के साथ ही पड़ोसी मुल्क नेपाल व बंग्लादेश से भी हो रही है। चिकित्सकों की माने तो आम चावल के मुकाबले स्टीम प्लांट में तैयार चावल मधुमेह रोगियो
महराजगंज [विश्वदीपक त्रिपाठी]। महराजगंज का शुगर फ्री चावल अब देश-विदेश के विभिन्न हिस्सों में धूम मचा रहा है। यहां के स्टीम प्लांट में तैयार 'शुगर फ्री' चावल की मांग मुंबई, दिल्ली, कोलकाता के साथ ही पड़ोसी मुल्क नेपाल व बंग्लादेश से भी हो रही है। चिकित्सकों की माने तो आम चावल के मुकाबले स्टीम प्लांट में तैयार चावल मधुमेह रोगियों के उपयोग के लिए अच्छा विकल्प है।
चावल उत्पादन के कारोबार में लगे उद्यमियों के मुताबिक महराजगंज से साठ हजार क्विंटल चावल इस वर्ष नेपाल जा चुका है। शुगर फ्री चावल बनाने की लंबी प्रक्रिया के चलते इसके रेट में आम चावल के मुकाबले प्रति क्विंटल पांच सौ रुपये का अंतर है। सामान्य विधि से तैयार चावल जहां 1800-2000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बिक रहा है, वहीं हाफ स्टीम चावल 2500 रुपये प्रति क्विंटल के भाव बिक रहा है।
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ऐसे तैयार होता है चावल
पहले धान को कटिंग प्वाइंट के बाद पेढ़ी क्लीनर से साफ किया जाता है। फिर ढाई टन के चार टबों में भाप देकर स्टीम किया जाता है। हाफ स्टीम के बाद धान को तीन से चार घंटे ड्रायर मशीन में सुखाने का क्त्रम चलता है, फिर होती है कुटाई। सोलटेक्स मशीन में खराब चावलों को निकाल कर साफ किया जाता है। इस लंबी प्रक्त्रिया के बाद तैयार होता है स्टीम राइस। चावल में मौजूद कोलेस्ट्राल के निकल जाने से इसे शुगर फ्री चावल भी कहते हैं। जिले में इन दिनों 14 स्टीम प्लांट राइस मिलों में शुगर फ्री चावल बनाने का काम हो रहा है।