पहली जनवरी से एलपीजी सब्सिडी बैंक खाते में
पहली जनवरी से रसोई गैस पर मिलने वाली सब्सिडी फिर से ग्राहकों के बैंक खातों में सीधे पहुंचनी शुरू हो जाएगी। इस योजना का लाभ देश के ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए सरकार ने उन लोगों को भी इसके दायरे में शामिल कर लिया है जिनके पास
नई दिल्ली। पहली जनवरी से रसोई गैस पर मिलने वाली सब्सिडी फिर से ग्राहकों के बैंक खातों में सीधे पहुंचनी शुरू हो जाएगी। इस योजना का लाभ देश के ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए सरकार ने उन लोगों को भी इसके दायरे में शामिल कर लिया है जिनके पास फिलहाल आधार संख्या नहीं है। लेकिन ऐसे लोगों को केवल अपने एलपीजी वितरक को अपने बैंक खाते का ब्योरा देना होगा।
राजग सरकार ने इस स्कीम का पायलट प्रोजेक्ट 'पहल' के नाम से 54 जिलों में शुरू किया था। 15 नवंबर तक इसमें 2.33 करोड़ लोगों को शामिल किया गया है। इस प्रोजेक्ट के फीडबैक के आधार पर सरकार ने नकदी हस्तांतरण योजना यानी डीबीटीएल की तैयारियों को चाक चौबंद कर लिया है। केंद्र अब नए सिरे से पूरे देश में इसे लागू करने के लिए तैयार है। पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेद्र प्रधान की पहल पर फिर से शुरू हो रही इस स्कीम में यदि कोई ग्राहक पहले से ही पंजीकृत है तो उसे फिर से ऐसा करने की जरूरत नहीं होगी।
रसोई गैस के जिन उपभोक्ताओं के पास आधार संख्या नहीं है, उन्हें केवल अपने बैंक खाते का ब्योरा गैस वितरक को देना होगा। पेट्रोलियम मंत्री का कहना है कि सरकार का लक्ष्य इस स्कीम का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाना है, खासतौर पर जो गरीब व हाशिए पर हैं। इसीलिए आधार की अनिवार्यता समाप्त की गई है।
नए साल के पहले तीन महीने यानी मार्च तक उपभोक्ताओं को सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर मिलेंगे। जो लोग पहले ही आधार संख्या या वितरक के पास बैंक खाते का ब्योरा दे चुके हैं उन्हें बाजार कीमत पर सिलेंडर मिलेगा। सब्सिडी की राशि सीधे उनके बैंक खातों में पहुंच जाएगी। लेकिन पहली अप्रैल, 2015 से सभी उपभोक्ताओं को बाजार कीमत पर ही सिलेंडर मिलेंगे।