सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत राय को दी पैरोल, 26 महीने बाद जेल से बाहर निकले
सहारा प्रमुख सुब्रत राय को मां के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने चार सप्ताह की पैरोल दे दी है। शुक्रवार रात सुब्रत तिहाड़ जेल से रिहा हो गए।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दो साल से तिहाड़ जेल में बंद सहारा प्रमुख सुब्रत राय को मां के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने चार सप्ताह की पैरोल दे दी है। सुब्रत के अलावा उनके साथ जेल में बंद कंपनी के निदेशक एवं उनके बहनोई अशोक रायचौधरी को भी कोर्ट से पैरोल मिल गई है। हालांकि कोर्ट ने सहारा प्रमुख को प्रोटेक्टिव पुलिस कस्टडी में पैरोल दी है। इसके कारण पैरोल अवधि के दौरान उनके साथ सादी वर्दी में दिल्ली पुलिस के जवान तैनात रहेंगे। सुब्रत राय और कंपनी के दो निदेशक सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 4 मार्च, 2014 से जेल में हैैं।
सहारा प्रमुख की मां का गुरुवार-शुक्रवार की रात 1.30 बजे लखनऊ में निधन हो गया। सुब्रत और उनके बहनोई अशोक रायचौधरी ने शीर्ष न्यायालय में अर्जी दाखिल कर मां के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए तीन सप्ताह की पैरोल दिए जाने की मांग की थी।
मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने सुब्रत राय की अर्जी स्वीकार करते हुए उन्हें अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए 4 सप्ताह के लिए पैरोल दे दी। कोर्ट ने पैरोल अवधि के दौरान सहारा प्रमुख के साथ पुलिसकर्मी तैनात करने के लिए दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिए। इसके अलावा पीठ ने सुब्रत राय के वकील कपिल सिब्बल की ओर से सहारा प्रमुख के देश छोड़कर न जाने या कस्टडी का उल्लंघन न करने का कोर्ट को दिया गया भरोसा भी आदेश में दर्ज किया। कोर्ट ने कहा है कि सुब्रत मां के अंतिम संस्कार में भाग लेने के लिए लखनऊ जा सकते हैैं। इसके अलावा वे हरिद्वार व गंगा सागर भी जा सकते हैैं।
मालूम हो कि निवेशकों का पैसा वापस करने को लेकर बाजार नियामक सेबी के साथ चल रहे विवाद मामले में सुब्रत राय और कंपनी के दो निदेशक पिछले 26 महीने से तिहाड़ जेल में बंद हैैं। कोर्ट ने उनकी जमानत के लिए पांच हजार करोड़ रुपये नकद व पांच हजार करोड़ की बैैंक गारंटी जमा कराने की शर्त लगाई है। पैसे जमा न करा पाने के कारण तीनों मार्च, 2014 से जेल में हैैं।
26 महीने बाद जेल से बाहर निकले
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शुक्रवार रात सहारा प्रमुख 26 महीने बाद तिहाड़ जेल से बाहर निकले। जेल के एक प्रवक्ता के अनुसार, सुब्रत राय और अशोक रायचौधरी को रात पौने नौ बजे के करीब रिहा कर दिया गया।को मां के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने चार सप्ताह की पैरोल दे दी है। शुक्रवार देर रात सुब्रत तिहाड़ जेल से रिहा हो गए। सुब्रत के अलावा उनके साथ जेल में बंद कंपनी निदेशक उनके बहनोई अशोक राय चौधरी को भी कोर्ट से पैरोल मिल गई है। हालांकि कोर्ट ने सुब्रत को प्रोटेक्टिव पुलिस कस्टडी में पैरोल दी है जिससे कि इस दौरान सुब्रत के साथ सादी वर्दी में पुलिस कर्मी तैनात रहेंगे। सुब्रत और कंपनी के दो निदेशक सुप्रीमकोर्ट के आदेश पर 4 मार्च 2014 से जेल में हैैं।
सुब्रत राय की मां का गुरुवार की रात 1.30 को लखनऊ में निधन हो गया था। सुब्रत और उनके बहनोई अशोक राय चौधरी ने सुप्रीमकोर्ट में अर्जी दाखिल कर मां के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए तीन सप्ताह की पैरोल दिये जाने की मांग की थी।
मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने सुब्रत की अर्जी स्वीकार करते हुए उन्हें मां के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए 4 सप्ताह के लिए पैरोल दे दी। कोर्ट ने कहा है कि सुब्रत इस दौरान पुलिस की प्रोटेक्टिव कस्टडी में रहेंगे। उनके साथ सादी वर्दी में दिल्ली पुलिस के जवान तैनात रहेंगे। कोर्ट ने सुब्रत के साथ पुलिसकर्मी तैनात करने के लिए दिल्ली पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिए हैैं। इसके अलावा कोर्ट ने सुब्रत के वकील कपिल सिब्बल की ओर से सुब्रत के देश छोड़कर न जाने या कस्टडी का उल्लंघन न करने का कोर्ट को दिया गया भरोसा भी आदेश में दर्ज किया। कोर्ट ने कहा है कि सुब्रत मां के अंतिम संस्कार में भाग लेने के लिए लखनऊ जा सकते हैैं। इसके अलावा वे हरिद्वार व गंगा सागर भी जा सकते हैैं।
मालूम हो कि निवेशकों का पैसा वापस करने को लेकर बाजार नियामक सेबी के साथ चल रहे विवाद मामले में सुब्रत और कंपनी के दो निदेशक पिछले 26 महीने से तिहाड़ जेल में बंद हैैं। कोर्ट ने उनकी जमानत के लिए पांच हजार करोड़ नगद व पांच हजार करोड़ की बैैंक गारंटी जमा कराने की शर्त लगाई है। पैसे जमा न करा पाने के कारण तीनों तब से जेल में हैैं।