अगले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट जाएगी केंद्र सरकार
सरकारी नौकरियों व केंद्रीय उच्च शिक्षण संस्थानों में अल्पसंख्यको के 4.5 फीसदी कोटे के मामले में आंध्र प्रदेश हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार अगले हफ्ते के शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है। तात्कालिक मामला आइआइटी में दाखिलों से जुड़ा है। लिहाजा मानव संसाधन विकास मंत्रालय इसमें और देरी के मूड में नहीं है। हालाकि, शीर्ष अदालत जाने को लेकर कानून व अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री सलमान खुर्शीद की राय इससे जुदा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकारी नौकरियों व केंद्रीय उच्च शिक्षण संस्थानों में अल्पसंख्यकों के 4.5 फीसदी कोटे के मामले में आंध्र प्रदेश हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार अगले हफ्ते के शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है। तात्कालिक मामला आइआइटी में दाखिलों से जुड़ा है। लिहाजा मानव संसाधन विकास मंत्रालय इसमें और देरी के मूड में नहीं है। हालाकि, शीर्ष अदालत जाने को लेकर कानून व अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री सलमान खुर्शीद की राय इससे जुदा है।
सलमान खुर्शीद ने गुरुवार को राज्यों के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रियों के सम्मेलन में अल्पसंख्यक आरक्षण को लेकर जुलाई के पहले हफ्ते में सुप्रीम कोर्ट जाने व सुनवाई होने की उम्मीद जताई थी। बाद में उन्होंने पत्रकारों से भी कहा, इस बारे में अटार्नी जनरल से मशविरा हुआ है। वे भी इसी राय के हैं। गर्मियों की छुट्टी के बाद सुप्रीम कोर्ट दो जुलाई को खुलेगा। यह पूछे जाने पर कि इस देरी से आइआइटी व दूसरे संस्थानों में दाखिले में अल्पसंख्यक छात्रों का 4.5 फीसद कोटा प्रभावित होगा? सलमान ने कहा, 'इस बारे में हमने मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल से बात की है। वे इसे लेकर कतई चिंतित नहीं हैं और छात्रों का कोई नुकसान नहीं होगा'।
यह पूछे जाने पर कि ग्रीष्मकालीन कोर्ट के सामने अपील के बजाय सरकार जुलाई तक क्यों इंतजार करना चाहती है? खुर्शीद ने कहा था कि ग्रीष्मकालीन कोर्ट में अमूमन बहुत जरूरी मामले ले जाए जाते हैं। दूसरी बात ग्रीष्मकालीन व नियमित अदालतों के नजरिए में फर्क होता है। ऐसे में जल्दबाजी नहीं करना ही ठीक है।
वहीं, मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि छात्रों के दाखिले का सवाल अहम है। इसमें देरी करने से अल्पसंख्यक छात्रों के पसंदीदा कोर्स और संस्थान चुनने पर असर पड़ सकता है। खास तौर से आइआइटी छात्रों के मामले में। लिहाजा सरकार सोमवार को ही, या अगले हफ्ते के शुरुआत में किसी भी दिन सुप्रीमकोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर कर सकती है।
सूत्रों की मानें तो खुर्शीद के बयान के बाद मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल से उनकी बात हुई है। शायद तालमेल की कमी के चलते यह स्थिति पैदा हुई है। अपने बयान व सरकार के नये रुख के बारे में खुर्शीद खुद भी संभवत: एक-दो दिन में स्थिति स्पष्ट कर सकते हैं।
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