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सुबोधकांत सहाय धोखाधड़ी में फंसे

भिवानी। केंद्रीय टूरिज्म मंत्रालय में निदेशक पद पर नियुक्ति के नाम पर ढाई करोड़ रुपये की ठगी के मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय फंसते नजर आ रहे हैं। नई दिल्ली के तुगलक रोड स्थित पुलिस थाने में पूर्व केंद्रीय मंत्री, उनके दो सहायक सचिवों सहित आठ के खिलाफ

By Kamal VermaEdited By: Published: Sat, 22 Nov 2014 09:01 PM (IST)Updated: Sat, 22 Nov 2014 09:21 PM (IST)
सुबोधकांत सहाय धोखाधड़ी में फंसे

भिवानी। केंद्रीय टूरिज्म मंत्रालय में निदेशक पद पर नियुक्ति के नाम पर ढाई करोड़ रुपये की ठगी के मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय फंसते नजर आ रहे हैं। नई दिल्ली के तुगलक रोड स्थित पुलिस थाने में पूर्व केंद्रीय मंत्री, उनके दो सहायक सचिवों सहित आठ के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी व जान से मारने की धमकी देने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

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इस मामले में भिवानी के व्यवसायी राजधानी इंस्टीट्यूट के संचालक पुरुषोत्तम मित्तल ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में एडिशनल चीफ मेट्रोपोलीटीन मजिस्ट्रेट के समक्ष याचिका दायर की थी। इस याचिका पर न्यायाधीश ने नई दिल्ली के तुगलक रोड स्थित पुलिस स्टेशन के थाना प्रभारी को आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

पुरुषोत्तम मित्तल ने आरोप लगाया है कि भिवानी निवासी राजकुमार, दांग खुर्द निवासी मैनपाल, हनुमान, सेक्टर 13 निवासी महेंद्र चौधरी, रोहतक निवासी बलवान सिंह, तत्कालीन टूरिज्म मंत्री के असिस्टेंट पर्सनल सचिव अनिल शर्मा, निजी सहायक सुनील जोशी ने तत्कालीन पर्यटन मंत्री सुबोध कांत सहाय के साथ मिलीभगत कर मंत्रालय में स्थायी निदेशक पर नियुक्ति दिलाने के नाम पर ढाई करोड़ रुपये की ठगी कर ली है। मित्तल ने अपनी शिकायत में यह विवरण भी दिया है कि कैसे उनकी मुलाकात भिवानी के राजकुमार के साथ हुई और इसके बाद प्रॉपर्टी डीलिंग का धंधा शुरू किया।

इसके बाद उन्हें रोहतक के बलवान सिंह से मिलाकर पर्यटन मंत्रालय में निदेशक पद पर नियुक्त करने का प्रलोभन दिया। उन्होंने ढाई करोड़ रुपये का भुगतान सन 2012 के दौरान 4 लाख, 48 लाख, 40 लाख, 30 लाख और शेष राशि 50-50 लाख रुपये देकर किया। लेकिन बाद में सच्चाई का खुलासा हुआ तो उक्त लोगों ने जान से मारने की धमकी दी।

यह मामला हाई प्रोफाइल होने की वजह से दिल्ली पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। आखिर शिकायतकर्ता ने न्यायालय की शरण ली और न्यायाधीश के आदेश पर उक्त आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 506, 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। उधर, व्यवसायी पुरुषोत्तम दास मित्तल ने कहा कि उन्हें न्यायालय पर पूरा विश्वास है और उन्हें न्याय मिलेगा।

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