नौकरी छोड़ गायब दारोगा की दूसरी पत्नी का शव मिला
प्रतापगढ़ में तैनात एक दारोगा ज्ञानेंद्र सिंह की दूसरी शादी के बाद फरार होने के मामले में नया मोड़ आ गया है। ज्ञानेंद्र की दूसरी पत्नी का शव कौशांबी जिले से आज बरामद हुआ है। शव से सिर तथा धड़ अलग था। जांच टीम को आशंका है कि दारोगा ज्ञानेंद्र्र
लखनऊ। प्रतापगढ़ में तैनात एक दारोगा ज्ञानेंद्र सिंह की दूसरी शादी के बाद फरार होने के मामले में नया मोड़ आ गया है। ज्ञानेंद्र की दूसरी पत्नी का शव कौशांबी जिले से आज बरामद हुआ है। शव से सिर तथा धड़ अलग था। जांच टीम को आशंका है कि दारोगा ज्ञानेंद्र्र ने ही पत्नी की हत्या की होगी। उल्लेखनीय है कि दारोगा के खिलाफ कानपुर में अपहरण का मामला भी दर्ज है।
प्रतापगढ़ पुलिस लाइन में तैनात कानपुर की युवती से दूसरी शादी रचाने वाले एसआइ ज्ञानेंद्र सिंह की गिरफ्तारी के लिए प्रतापगढ़ के साथ ही कानपुर में पुलिस की कई टीमें लगा दी गई हैं। आरोपी करीब हफ्ते भर से पुलिस लाइन से गैर हाजिर चल रहा है। देवसरा एसओ रहे ज्ञानेंद्र सिंह महीने भर पहले सपा नेता की पिटाई के मामले में लाइन हाजिर थे।
दो वर्ष पहले कानपुर देहात जिले में तैनाती के दौरान एसआइ ज्ञानेंद्र सिंह का नवीननगर की रहने वाली ईशा से संपर्क हो गया और 10 मार्च 2013 को ज्ञानेंद्र ने ईशा से शादी कर ली। 20 दिन बाद ईशा को यह पता चला कि ज्ञानेंद्र पहले से शादीशुदा है और उसकी पत्नी भी है।
यह बात उसने मायके जाने के बाद मां विनीता सचान को बताई। विनीता का कहना है कि ज्ञानेंद्र 17 मई को उसके घर पहुंचे। 18 मई को कुष्मांडा देवी मंदिर जाने की बात कहकर ज्ञानेंद्र बेटी ईशा को साथ लेकर निकले। इसके बाद से दोनों का पता नहीं चल रहा था। इस मामले में विनीता ने काकादेव थाने में (कानपुर) मुकदमा भी दर्ज कराया।
पहली पत्नी के रहते दूसरी शादी करने पर ज्ञानेंद्र के खिलाफ कार्रवाई तय मानी जा रही थी। इस बीच ईशा का शव मिलने के बाद मामले ने नया मोड़ ले लिया है। आज कौशांबी जिले के महेवा घाट के यमुना पुल पर महिला का सिर कटा शव मिला। महिला की मां ने शव की शिनाख्त की। माना जा रहा है कि ज्ञानेंद्र सिंह ने गृह कलह के चलते की पत्नी की हत्या की है। इस महिला की मां ने दामाद ज्ञानेंद्र सिंह पर हत्या का आरोप लगाया है।
प्रतापगढ़ के एसपी बलिकरन सिंह यादव इसकी पुष्टि कर रहे हैं। इस वर्ष सात फरवरी को ज्ञानेंद्र को देवसरा थाने का एसओ बनाया गया था। बीते माह अमरगढ़ के रहने वाले सपा नेता अरविंद यादव को हिरासत में लेकर देवसरा थाने में रखा गया। आरोप है कि वहां ज्ञानेंद्र तथा दारोगा सियाराम वर्मा ने अरविंद को मारा पीटा था। 11 अप्रैल की रात सपाइयों ने थाने का घेराव कर दिया था। अगले दिन एसपी ने ज्ञानेंद्र तथा सियाराम को लाइन हाजिर कर दिया था।
अप्रैल के आखिरी हफ्ते में छुट्टी लेकर ज्ञानेंद्र पुलिस लाइन से गए है। उन्हें 13 मई को लौट आना था, लेकिन अभी तक वे लौटे नहीं है। यहां पुलिस लाइन में ज्ञानेंद्र गैर हाजिर चल रहे हैं। इस बाबत पुलिस लाइन के प्रतिसार निरीक्षक पीके थापा का कहना है कि एसआइ ज्ञानेंद्र अप्रैल के आखिरी हफ्ते में छुट्टी पर गए हैं। 14 मई से वह गैर हाजिर चल रहे हैं।