'कार्तिकोत्सव' में कलाकारों ने समां बांधा, दर्शक मंत्रमुग्ध हुए
संगीत नाटक अकादमी और भारतीय संगीत सदन की प्रस्तुति ‘कार्तिकोत्सव’ का दर्शकों ने जमकर लुत्फ उठाया। इस कार्यक्रम का आयोजन कार्तिक पूर्णिमा के उपलक्ष्य में संगीत नाटक अकादमी के मेघदूत थिएटर में किया गया था।
नई दिल्ली । संगीत नाटक अकादमी और भारतीय संगीत सदन की प्रस्तुति ‘कार्तिकोत्सव’ का दर्शकों ने जमकर लुत्फ उठाया। इस कार्यक्रम का आयोजन कार्तिक पूर्णिमा के उपलक्ष्य में संगीत नाटक अकादमी के मेघदूत थिएटर में किया गया था। श्रीमद्भागवत के दशम स्कंध पर आधारित महारास लीला का निर्देशन जानी मानी कथक नृत्यागंना उमा शर्मा ने किया।
दर्शकों को वृंदावन की पारंपरिक रासलीला के साथ कथक का शानदार तालमेल देखने को मिला। भारतीय संगीत सदन के बच्चों ने इस महारास लीला की प्रस्तुति उमा शर्मा की देखरेख में की थी। कार्यक्रम का संगीत निर्देशन ज्वाला प्रसाद ने किया था। सितार पर खालिद मुस्तफा, बांसुरी पर विनय प्रसन्ना, तबला पर मुबारक खान, पखावज पर अशोक परिहार और गायन पर माधो प्रसाद थे।
इस प्रस्तुति में दिखाया गया कि पूर्णिमा की रात भगवान कृष्ण ने किस तरह गोपियों के साथ रास रचाया था। श्रीकृष्ण की बांसुरी की धुन सुनकर गोपियां सब काम धाम छोड़कर उनके पास खींची चली आई थीं। श्रीकृष्ण ने उन्हें समझाया भी कि वो अपना घर बार ऐसे छोड़कर ना आएं, लेकिन उनकी छटा ऐसी थी कि गोपियों से रहा नहीं गया। भारतीय संगीत सदन के बच्चों ने इस पूरी लीला को अच्छी तरह निभाया। इस कार्यक्रम के दौरान संगीत नाटक अकादमी के चेयरमैन शेखर सेन, सचिव हेलेन आचार्य के अलावा जाने माने कुचिपुड़ी डांसर राजा रेड्डी भी मौजूद थे।