स्कूल के गेट पर बच्चे करते हैं टीचर का इंतजार, थक-हारकर चले जाते हैं घर
जम्मू-कश्मीर के इस स्कूल के टीचर्स की लापरवाही का मामला जब मीडिया में उछला, तो मुख्य शिक्षा अधिकारी से सवाल किए गए।
नई दिल्ली, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर में उधमपुर के नैनंसु क्षेत्र में एक ऐसा प्राइमरी स्कूल है, जिसके गेट के बाहर हर रोज छात्रों की लंबी कतार देखी जा सकती है। ऐसा नहीं है कि ये छात्र समय से पहले स्कूल पहुंच जाते हैं। छात्र समय से ही स्कूल पहुंचते हैं, लेकिन हर रोज उन्हें गेट पर ताला टंगा हुआ नजर आता है। लगभग दो घंटे बाद टीचर्स आते हैं, तब जाकर स्कूल के गेट का ताला खुलता है।
स्थानीय लोग जिनके बच्चे इस स्कूल में पढ़ते हैं, उनका कहना है कि हर रोज छात्रों को गेट के बाहर ही दो घंटे बिताने पढ़ते हैं। वे बताते हैं कि स्कूल के टीचर्स हर रोल लगभग दो घंटे देरी से पहुंचते हैं। एक स्थानीय निवासी बिट्टू राम बताते हैं, 'हमारे बच्चों को हर रोज स्कूल के बाहर ही दो घंटे बिताने पढ़ते हैं। स्कूल टीचर्स कभी समय पर नहीं आते हैं। 15 अगस्त के बाद से तो कोई टीचर स्कूल में आया ही नहीं है। हर रोज बच्चे स्कूल पहुंचते हैं, तो उन्हें गेट पर ताला लगा हुआ नजर आता है। टीचर्स ने स्कूल बंद रहने की कोई सूचना भी नहीं दी है।'
जम्मू-कश्मीर के इस स्कूल के टीचर्स की लापरवाही का मामला जब मीडिया में उछला, तो मुख्य शिक्षा अधिकारी से सवाल किए गए। उन्होंने माना की स्कूल के टीचर्स के खिलाफ शिकायत मिली है। वह बोले, 'उधमपुर के स्कूल में नियुक्त 2 शिक्षकों के खिलाफ शिकायत मिली है। शिकायत में कहा गया है कि वे बच्चों को नहीं पढ़ा रहे हैं। इस मामले में जांच शुरू हो गई है। विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।'
जम्मू-कश्मीर के आए दिन आतंकी हमले होते रहते हैं। बॉर्डर के नजदीक बसे गांवों को सीमापार से होने वाली गोलीबारी का भी सामना करना पड़ता। ऐसे में इन क्षेत्रों के छात्र और विद्यालय भी काफी प्रभावित होते हैं, पर इसके बावजूद छात्र हार नहीं मानते। लेकिन यदि टीचर्स ही शिक्षा को गंभीरता से नहीं लेंगे और स्कूल नहीं आएंगे, तो छात्रों का क्या होगा?
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