देश की समस्याओं का तकनीकी समाधान तलाशेंगे छात्र
अब तक इसमें 42 हजार छात्रों ने भाग लिया है। सरकार का दावा है कि विभिन्न समस्याओं के नए समाधान तलाशने का यह दुनिया का सबसे बड़ा खुला मंच है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश की विभिन्न समस्याओं के तकनीकी समाधान ढूंढ़ने के काम में अब केंद्र सरकार ने इंजीनियरिंग के युवा छात्रों को जोड़ लिया है। 'स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन' नाम से चलाए गए इस कार्यक्रम के लिए केंद्र सरकार के 29 विभागों ने अपने कार्यक्षेत्र से जुड़ी छह सौ समस्याओं को इस मंच पर रखा है और इसमें भाग ले रहे छात्र इन पर नए समाधान पेश कर रहे हैं। अब तक इसमें 42 हजार छात्रों ने भाग लिया है। सरकार का दावा है कि विभिन्न समस्याओं के नए समाधान तलाशने का यह दुनिया का सबसे बड़ा खुला मंच है।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गुरुवार को कहा, 'ये देश की ऐसी समस्याएं हैं, जिनका हल ढूंढ़ना जरूरी तो है, लेकिन अब तक उपलब्ध नहीं हो सका है। ऐसे में इस कार्यक्रम के तहत इंजीनियरिंग के हजारों युवा छात्र इन चुनौतियों से निपटने में कमर कस कर जुट गए हैं।' इसके लिए देश भर से 42 हजार छात्रों ने 7531 टीमें बना कर आवेदन किया। इनमें से दस हजार छात्रों की 2100 टीमों को चुना गया है। अब एक व दो अप्रैल को अंतिम दौर का मुकाबला होगा।
जिसमें विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा। जावड़ेकर ने बताया कि इसके तहत जो छह सौ समस्याएं पेश की गई थीं, उनमें सबसे ज्यादा छात्रों ने सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से पेश की गई समस्याओं की थीम पर दिलचस्पी दिखाई। उन्होंने कहा कि यह स्वभाविक भी है। क्योंकि देश में हर साल डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों की मौत सड़कों पर हो जाती है। मानव संसाधन मंत्रालय ने अपनी ओर से भी कई समस्याओं को इसमें रखा है। यह कार्यक्रम मंत्रालय की ओर से अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) आयोजित कर रहा है।
जावड़ेकर ने यह भी कहा है कि सीबीएसई की स्कूलों में इस साल एनसीईआरटी की किताबों की कमी नहीं होने दी जाएगी। साथ ही अगले साल से सभी स्कूलों में इसे अनिवार्य भी कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश भर के 2500 स्कूलों ने एनसीईआरटी की किताबों के लिए आदेश जारी किया है।