आतंक फैलाने की साजिश में ISIS के 5 आतंकी गिरफ्तार, 9 संदिग्ध हिरासत में
गणतंत्र दिवस से पहले चार राज्यों की पुलिस ने एनआईए टीम के साथ मिलकर करीब 25 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। माना जा रहा है कि यह गणतंत्र दिवस पर आतंकी हमले की साजिश को अंजाम देने वाले थे। इन्हें कर्नाटक, हैदराबाद, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया गया
नई दिल्ली। एनआइए ने देश में पैर जमाने की कोशिश में लगे आइएसआइएस नेटवर्क को ध्वस्त करते हुए पांच आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि नौ संदिग्ध आतंकियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। ये सभी आतंकी हमले के लिए हथियार जुटाने की कोशिश कर रहे थे और आइईडी बम बनाने का कुछ सामान जमा भी कर चुके थे। ये सभी युसुफ नाम के आतंकी के साथ आनलाइन संपर्क में थे। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि युसुफ असल में इंडियन मुजाहिद्दीन का आतंकी सफी अरमर है, जो अब आइएसआइएस के लिए काम कर रहा है। वैसे सरकार सीधे तौर पर आइएसआइएस का नाम लेने से बच रही है।
आइबी की पहले से थी नजर
गृहमंत्रालय के संयुक्त सचिव (आंतरिक सुरक्षा) एमए गणपति के अनुसार उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तेलंगाना फैले इन आतंकी पहले से खुफिया ब्यूरो के रडार पर थे और लगभग छह महीने से उनकी आनलाइन और आफलाइन गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी। जैसे ही इन आतंकियों ने हमला करने के लिए हथियार खरीदने की तैयारी शुरू की और कुछ आइईडी बनाने के सामान जुटाने के संकेत मिले, एनआइए ने उन्हें दबोच लिया।
गणतंत्र दिवस पर आतंकी हमले को लेकर अलर्ट जारी
जिन 14 आतंकियों को शुक्रवार को हिरासत में लिया गया है, उनमें से तीन मुंबई, चार हैदराबाद, चार बेंगलुरू, एक मंगलुरु, एक टुनकुर और एक लखनऊ से हैं। इनमें थाने के मुंब्रा के रहनेवाले मुदब्बीर मुस्ताक शेख, हैदराबाद के मोहम्मद नफीस खान व शरीफ मोउनुद्दीन खान, मैंगलोर के नजमुल हुडा और बेंगलुरू के मोहम्मद अफजल को गिरफ्तार कर लिया गया है। गणपति ने कहा कि बाकि नौ संदिग्ध आतंकियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है और ठोस सबूत मिलने की स्थिति में उन्हें भी गिरफ्तार किया जा सकता है।
पूर्व आइएम आतंकी से संपर्क
अलग-अलग शहरों में रहने वाले इन आतंकियों में बहुत ही कम एक-दूसरे को जानते थे। लेकिन ये सभी युसुफ नाम के आतंकी के साथ आनलाइन संपर्क में थे। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि युसुफ कोई और नहीं आइएम का पूर्व आतंकी सफी अरमर है। स्काइप और दूसरे सोशल साइट्स पर बातचीत में अरमर इनपर जल्द ही कोई आतंकी हमला करने का दबाव बना रहा है।
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ठाने के मुदब्बीर मुस्ताक शेख को इनका प्रमुख बनाया दिया गया था और आतंकी हमले के लिए उसे छह लाख रूपये भी दिए गए थे। ये पैसे कैसे इनके पास भेजे गए, इसकी जांच की जा रही है। गणपति ने कहा कि ये सभी आतंकी स्थानीय स्तर पर हमला करने की योजना बना रहे थे, लेकिन दिल्ली में हमला करने की इनकी कोई तैयारी नहीं थी।हरिद्वार माड्यूल से संबंध
गणपति ने कहा कि एनआइए के निशाने पर आए आतंकियों का दो दिन पहले दिल्ली पुलिस द्वारा हरिद्वार से गिरफ्तार किए गए आतंकियों के साथ सीधा संपर्क नहीं था। लेकिन हरिद्वार और दूसरे आतंकियों के बीच की कड़ी सफी अरमर है।
सफी अरमर ही युसुफ के नाम से हरिद्वार और अन्य आतंकियों के साथ संपर्क में था। दोनों आतंकी नेटवर्क को वह स्थानीय स्तर पर बम बनाकर हमले के लिए प्रेरित करता था। यही कड़ी दोनों आतंकी नेटवर्क के आइएसआइएस से संबंधित होने का संकेत देते हैं। दरअसल सफी अरमर सीरिया में लड़ते हुए मारे गए आतंकी सुल्तान अरमर का भाई है। सुल्तान अरमर को आइएसआइएस के खलीफा ने अंसार उल तवाहिद का अमीर घोषित किया था।
भारत में ही ट्रेनिंग की तैयारी
सफी अरमर नए आतंकियों को भारत के भीतर ही आतंकी ट्रेनिंग देने के कैंप लगाने की योजना भी बना रहा था। ताकि उन्हें आइईडी बम बनाने से लेकर हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जा सके। लेकिन अभी तक यह ट्रेनिंग कैंप नहीं लगाया जा सका था। इसके पहले सफी अरमर चाहता था कि ये आतंकी स्थानीय स्तर पर विस्फोट कर अपनी क्षमता का परिचय दें। इसके लिए इन्हें छह लाख रुपये भी पहुंचाए गए थे। छापे के दौरान एनआइए को इनके ठिकाने से आइईडी बनाने में प्रयुक्त होने वाले काफी सामान मिले हैं।
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