मोदी के उड़न खटोले पर विरोध के स्वर
नामांकन करने गुरुवार को बनारस आ रहे भाजपा प्रत्याशी नरेंद्र मोदी के हेलीकाप्टर को लेकर बीएचयू व विद्यापीठ परिसर में विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं। बीएचयू में जहां समाजवादी छात्र सभा के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को बैठक कर नाराजगी जताई वहीं विद्यापीठ प्रशासन की ओर से सशर्त अनुमति मिलने के बाद भी छात्रसंघ के महामं
वाराणसी। नामांकन करने गुरुवार को बनारस आ रहे भाजपा प्रत्याशी नरेंद्र मोदी के हेलीकाप्टर को लेकर बीएचयू व विद्यापीठ परिसर में विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं। बीएचयू में जहां समाजवादी छात्र सभा के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को बैठक कर नाराजगी जताई वहीं विद्यापीठ प्रशासन की ओर से सशर्त अनुमति मिलने के बाद भी छात्रसंघ के महामंत्री विरोध में अड़े हुए हैं।
काशी विद्यापीठ परिसर स्थित क्रीड़ा प्रांगण में भाजपा उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के हेलीकाप्टर उतरने के संबंध में छात्रसंघ दो फाड़ हो चुका है। अध्यक्ष महेश सिंह मोनू जहां स्वागत की तैयारी कर रहे हैं, वहीं महामंत्री विकास सिंह विरोध के रुख पर कायम हैं। वैसे विद्यापीठ प्रशासन, भाजपा से तीस हजार रुपये बतौर सिक्योरिटी मनी जमा करा चुका है। हेलीकाप्टर उतरने वाले स्थल क्रीड़ा प्रांगण को यदि किसी प्रकार की क्षति नहीं पहुंची तो एक सप्ताह बाद सिक्योरिटी मनी वापस कर दी जाएगी।
विद्यापीठ छात्रसंघ के महामंत्री विकास सिंह का कहना है कि विवि परिसर को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनने देंगे। विश्वविद्यालय प्रशासन के इस कदम का छात्र हर स्तर पर विरोध करेंगे। इसे लेकर छात्रों का एक गुट देर शाम तक मंथन करता रहा। छात्रों के विरोध को देखते हुए जिला प्रशासन व एलआइयू भी सक्रिय हो गई है।
उधर बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी स्थित बिरला छात्रावास में समाजवादी छात्र सभा के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को बैठक कर मोदी के हेलीकाप्टर के उतरने का विरोध किया। इस दौरान विकास यादव, अरविंद, अनूप, दीपू, अरमान उमेश सहित दर्जनों छात्र उपस्थित थे।
संघ ने बदली रणनीति, अब पन्ना प्रमुखों को कमान
नरेन्द्र मोदी के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने अपनी चुनावी रणनीति बदल दी है। अब बूथ प्रमुख के स्थान पर पन्ना प्रमुखों को कमान सौंपी गई है।
60 वोटरों पर एक पन्ना प्रमुख
संघ की पूर्व की व्यूहरचना में बूथ प्रमुखों को विशेष जिम्मेदारी दी गयी थी। उस रणनीति को बदलते हुए संघ ने एक नए पद का सृजन किया है। 60 वोटरों पर एक 'पन्ना प्रमुख' बनाया है। ये पन्ना प्रमुख अपने-अपने पन्नों में दर्ज मतदाताओं को मतदान के दिन वोट डलवाने का काम करेंगे। इसके लिए संघ ने 20,917 पन्ना प्रमुख बनाए हैं।
तीन चरणों में काम
संघ ने पन्ना प्रमुखों के काम को तीन चरणों में विभाजित भी किया है। प्रथम चरण में ये घर-घर सम्पर्क करेंगे। सम्पर्क के दौरान किस घर केमतदाता मोदी के पक्ष में मतदान करने के इच्छुक हैं, उन्हें चिन्हि्त करेंगे। दूसरे चरण में उन चयनित मतदाताओं से सम्पर्क करेंगे तो तीसरे चरण में ये पन्ना प्रमुख मतदान के दिन मतदाताओं को बूथ तक लाने की जिम्मेदारी निभाएंगे।
निगरानी के लिए एक प्रमुख
इन पर निगरानी रखने के लिए संघ ने 10 पन्ना प्रमुखों पर एक अन्य प्रमुख नियुक्त किया है, जो इनकी बैठक तथा इनके कार्यो पर नजर रखेंगे। ऐसी ही 10 बूथों पर एक अन्य प्रमुखों की भी रचना की है।
कितने बूथ-कितने मतदाता
वाराणसी संसदीय क्षेत्र में कुल 1641 बूथ तथा 15 लाख, 67 हजार, 370 मतदाता हैं। इनमें 08 लाख, 80 हजार, 723 पुरुष तथा 06 लाख,86 हजार, 583 महिलाएं व 70 अन्य मतदाताओं की संख्या है। बूथ संख्या को ध्यान में रखकर संघ ने 1640 बूथ प्रमुख बनाए हैं। इन पर ध्यान रखने के लिए 164 पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं यानि कुल 1804 कार्यकर्ताओं को संघ ने बूथ प्रबंधन के काम में लगाया है।
मुस्लिम मंच का दायित्व
इस बार संघ को विश्वास है कि मुस्लिम मतदाता भी नमो को मतदान करेगा। इनके बीच में काम करने के लिए संघ से जुड़े 'राष्ट्रीय मुस्लिम मंच' के कार्यकर्ताओं को विशेष जिम्मेदारी दी गयी है। वाराणसी संसदीय क्षेत्र में करीब 03 लाख 13 हजार 475 मुस्लिम मतदाता हैं। मंच का उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड का काम देख रहे महियरध्वज ने बताया कि आजादी के बाद से लेकर अब-तक कांग्रेस ने मुसलमानों को सिर्फ वोट के रूप में देखा है। इस बार मुस्लिम समाज भाजपा व मोदी के पक्ष में मतदान करेगा।
समवैचारिक संघटनों की रणनीति
सूत्रों की मानें तो संघ ने अपने समवैचारिक संघटनों की रणनीति को भी बदल दिया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में बनाये गए 100 मोदी वालंटियरों को भी बूथ प्रबंधन में ही लगने की सलाह दी है।