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आस्था पर चोट के बाद बुलंदशहर, रामपुर, संभल और हापुड़ में तनाव

उत्तर प्रदेश के पश्चिमी इलाके के बुलंदशहर, रामपुर, संभल और हापुड़ के गांवों कस्बों में आस्था पर चोट के बाद तनाव का माहौल है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Thu, 30 Mar 2017 10:00 PM (IST)Updated: Thu, 30 Mar 2017 11:41 PM (IST)
आस्था पर चोट के बाद बुलंदशहर, रामपुर, संभल और हापुड़ में तनाव
आस्था पर चोट के बाद बुलंदशहर, रामपुर, संभल और हापुड़ में तनाव

लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश के पश्चिमी इलाके के बुलंदशहर, रामपुर, संभल और हापुड़ के गांवों-कस्बों में आस्था पर चोट के बाद तनाव का माहौल है। रामपुर के मिलक में दरगाह निर्माण को लेकर सांप्रदायिक लोग सामने हैं। महिलाएं के पुलिस से मोर्चा लेने पर हालात बेकाबू है। बुलंदशहर में गोवंश के वध को लेकर ग्रामीण और हिंदू संगठन टकारा गए हैं। बवाल के बाद तीन पुलिसकर्मी निलंबित कर दिए गए हैं। हापुड़ के एक गांव में मारपीट के बाद मुस्लिम परिवारों ने पलायन का फैसलै लिया है। इस बीच संभल में कल बिगड़े हालात काबू करने में दिन लग गया। यहां करीब छह सौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।

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बुलंदशहर में पशुवध के बाद तनाव

बुलंदशहर के गांव लखनवाड़ा में अराजक तत्वों ने नौ पशुओं के वध को आस्था पर चोट मानकर भड़के ग्रामीणों और हिंदू संगठनों ने विरोध में जमकर बवाल करते हुए पुलिस पर पथराव किया। एसएसपी ने प्रभारी निरीक्षक अरनिया, हल्का इंचार्ज व बीट कांस्टेबल को निलंबित कर मामला बिगडऩे से बचा लिया। अरनिया थाना क्षेत्र केभोगपुर नहर पटरी पर गुरुवार सुबह सात बजे ग्रामीणों ने गौवंशों के कटे सिर व अवशेष पड़े देखे। देखते ही देखते आग की तरह बात फैल गयी और मौके पर सैकड़ों ग्रामीण, भाजपा कार्यकर्ताओं समेत कई हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ता भी पहुंच गए। भीड़ ने कटान करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। इसी दौरान मौके पर पहुंचे गांव लखनवाड़ा निवासी राजवीर और घनश्याम ने अपने चार गोवंशों के कटे सिर देखकर पहचान लिया। दोनों ने बताया कि दो-दो  पशुओं को रात पशु चोर खोलकर ले गए थे। थाना पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन भीड़ का गुस्सा शांत नहीं करा सकी। हालात बिगडऩे की आशंका के चलते जिले के कई थानों की पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को मौके पर बुला लिया गया। कार्रवाई का ठोस आश्वासन न मिलने से भीड़ और भड़क गयी और थाना खानपुर के एसओ राजवीर सिंह चौहान समेत तीन पुलिसकर्मियों को पथराव कर घायल कर दिया। जान बचाने को पुलिसकर्मी डायल 100 जीप लेकर भागे तो लोगों ने उस पर भी पथराव कर शीशे तोड़ दिए। काफी देर तक बवाल होता रहा तो आखिरकार एसएसपी सोनिया सिंह ने मौके पर पहुंचकर बात की लेकिन ग्रामीण पूरे थाने को सस्पेंड करने की मांग करते रहे। अंतत: अपराह्न दो बजे एसएसपी ने प्रभारी निरीक्षक अरनिया अशोक कुमार, हल्का इंचार्ज प्रवीण कुमार व बीट कांस्टेबल सुनील कुमार को निलंबित कर आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने का आश्वासन देकर भीड़ को मना लिया। एसएसपी सोनिया सिंह ने बताया कि आधा दर्जन से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। मुख्य आरोपियों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। 

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मिलक में दरगाह पर निर्माण को लेकर तनाव

रामपुर के मिलक में दरगाह निर्माण को लेक सांप्रदायिक तनाव हो गया है। लोग आमने-सामने आ गए। महिलाएं पुलिस से भिड़ गईं। कुछ युवाओं ने नारेबाजी शुरू कर दी। इससे माहौल बिगडऩे लगा। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने फि लहाल मामला शांत करा दिया है। बवाल नगर के बीच बनी नन्हें शाह मियां की दरगाह पर निर्माण को लेकर हुआ। निर्माण पर एतराज करते हुए बुधवार को विश्व ङ्क्षहदू परिषद ने शिकायत की थी। इस पर निर्माण कार्य रुकवा दिया गया था। इससे अल्पसंख्यकों में आक्रोश फैल गया। गुरुवार सुबह आठ बजे दरगाह पर भीड़ ने निर्माण शुरू करा दिया। इस पर दूसरे समुदाय के लोग भी आ गए और विरोध जताया। कुछ युवाओं ने नारेबाजी शुरू कर दी। नारेबाजी और हंगामे की सूचना पर पुलिस-प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। समझाने का प्रयास किया, तो महिलाएं पुलिस से भिड़ गईं। बात फैली तो बाजारों में दुकानों के शटर धड़ाधड़ गिरने लगे। बाद में अधिकारियों ने मोर्चा संभाला। मस्जिद के लाउडस्पीकर के जरिए भीड़ से बात की। हल निकालने का आश्वासन देकर अधिकारी दरगाह कमेटी के सदस्यों को वार्ता के लिए तहसील ले गए। दूसरे पक्ष को भी बुला लिया। सभागार में एडीएम उमेश कुमार मंगला, एएसपी तारिक मुहम्मद, सीओ सिटी दिनेश कुमार शुक्ल आदि की मौजूदगी में वार्ता हुई। कई घंटों की वार्ता के बाद दोनों पक्ष राजीनामा पर तैयार हो गए। सहमति बनी कि दरगाह उसी स्थान पर पुराने नक्शे के अनुसार बनेगी। 

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नमाजियों से मारपीट पर हापुड़ के उपैड़ा में तनाव

हापुड़ के उपैड़ा में दो पक्षों में मारपीट के बाद धमकी दिए जाने से क्षुब्ध चार मुस्लिम परिवारों ने गांव से पलायन का फैसला कर लिया। घर की महिलाओं और बच्चों को रिश्तेदारी में भेजकर सामान भी बांध लिया।  बृहस्पतिवार शाम एसडीएम सदर और सीओ ने इन्हें समझा बुझाकर गांव में ही रहने के लिए तैयार कर लिया। दोनों पक्षों की शुक्रवार को बाबूगढ़ थाने में बैठक भी बुलवाई गई है। उपैड़ा में बुधवार शाम नमाज पढ़कर आ रहे चार लोगों के साथ गांव के ही कुछ युवकों ने मारपीट कर दी थी। दोनों पक्षों में पथराव भी हुआ था। घटना के बाद गांव में तनाव फैल गया था। आरोप है कि बृहस्पतिवार को भी पीडि़त परिवार के युवकों को फोन पर धमकी दी गई। इस पर पीडि़त परिवारों ने घर की महिलाओं-बच्चोंको रिश्तेदारी में भेजना शुरू कर दिया। गांव में सलीम, शाबिर, निजाम और इसाम ने कहा कि यदि गांव का माहौल ठीक नहीं होगा तो वे अपना मकान और जमीन बेचकर दूसरे स्थान पर चले जाएंगे। पलायन की खबर पर एसडीएम सदर डा. अजय कुमार और सीओ बाबूगढ़ शिवप्रसाद दूबे गांव में पहुंचे और परिवारों से वार्ता कर आश्वासन दिया कि मामले में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। 

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संभल में छह सौ पर मुकदमा 

सम्भल के नखासा के दीपासराय मुहल्ले में बवाल के दूसरे दिन बाजारों में बेरौनक रहे। बुधवार दोपहर हुए बवाल में पुलिस ने देर रात 25 उपद्रवियों को नामजद करते हुए छह सौ अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। 

गोकशी की सूचना पर पहुंची पुलिस पर पथराव और फायरिंग में एसडीएम के अर्दली जैत सिंह और पांच पुलिस कर्मी गंभीर घायल हो गए थे। नायब तहसीलदार नितिन तनेजा की तहरीर पर थाना पुलिस ने गफ्फू अहमद आदि को नामजद किया है। 

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पीलीभीत में दुर्घटना को सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास

पीलीभीत के छीपियान चौराहा पर हुए हादसे में समुदाय विशेष का युवक घायल हो गया। इसके बाद मामले को सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास किया गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह हालात काबू किए। गुरुवार रात करीब नौ बजे छीपियान चौराहा पर  स्थानीय दुकानदार का एक्सीडेंट सराफा एसोसिएशन के महामंत्री शैली अग्रवाल की दुकान पर काम करने वाले एक कर्मचारी से हो गया। इस पर अन्य दुकानदारों ने कर्मचारी की पिटाई कर दी। दोनों पक्षों के लोगों का संप्रदाय अलग-अलग होने पर कुछ अराजक तत्वों ने मामले को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर डाली। एक पक्ष के लोगों ने नारेबाजी करते हुए हाथापाई कर दी। इसी बीच पहुंची पुलिस ने मामले को संभाल लिया। मामले में देर रात तक किसी भी ओर से तहरीर नहीं दी गई थी।


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