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प्रशिक्षित फेरीवालों के स्थानीय खानपान से ही शहरों की गुलजार होंगी गलियां

योजना के पहले चरण में देश के लगभग चार हजार से अधिक शहरी व कस्बों में फेरीवालों को चिन्हित किया जाएगा। इसके बाद उन्हें परिचय पत्र दिये जाएंगे।

By Tilak RajEdited By: Published: Thu, 18 Jan 2018 09:15 PM (IST)Updated: Thu, 18 Jan 2018 09:15 PM (IST)
प्रशिक्षित फेरीवालों के स्थानीय खानपान से ही शहरों की गुलजार होंगी गलियां
प्रशिक्षित फेरीवालों के स्थानीय खानपान से ही शहरों की गुलजार होंगी गलियां

नई दिल्ली, सुरेंद्र प्रसाद सिंह। शहरी क्षेत्रों की गलियों में पौष्टिक व शुद्ध खानपान मुहैया कराने के लिए स्ट्रीट वेंडरों (फेरीवाले) को चिन्हित कर प्रशिक्षण देने की योजना है। प्रशिक्षित फेरीवालों के स्थानीय खानपान से ही शहरों की गलियां गुलजार होंगी। देश के सभी शहरी निकायों में योजना लागू की जाएगी। शहरी विकास मंत्रालय जहां ऐसे फेरीवालों को चिन्हित करेगा वहीं कौशल विकास योजना से उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा।

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इससे संबद्ध कई मंत्रालय इस दिशा में पहले से ही अमल कर रहे हैं। लेकिन अब इस योजना को समन्वित रूप से आगे बढ़ाया जाएगा। पर्यटन मंत्रालय पहले से ही ऐतिहासिक व पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण शहरों की गलियों में परंपरागत खानपान को लेकर सतर्क है। इस दिशा में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने भी योजना शुरू की है, जिसके तहत देश के सभी शहरी निकायों में इस तरह के बंदोबस्त करने के निर्देश दिया जाना है।

योजना के पहले चरण में देश के लगभग चार हजार से अधिक शहरी व कस्बों में फेरीवालों को चिन्हित किया जाएगा। इसके बाद उन्हें परिचय पत्र दिये जाएंगे। लेकिन परिचय पत्र देने के पहले उन्हें बिक्री वाले उत्पाद की शुद्धता बनाये रखने के साथ उसे तैयार करने और स्वच्छता जैसे विषयों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।

शहरी विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक फिलहाल 944 शहरों में 11 लाख से अधिक स्ट्रीट वेंडरों को चिन्हित कर लिया गया है, जबकि प्रशिक्षण के बाद ढाई लाख से अधिक फेरीवालों को परिचय पत्र दे दिया गया है। फेरीवालों को कौशल विकास के तहत प्रशिक्षण देने की योजना है। स्वरोजगार के तहत 1.75 लाख स्ट्रीट वेंडरों को बैंकों से ऋण देकर वित्तीय मदद की गई है। सरकार की इस योजना से जहां लोगों को शुद्ध खान पान उपलब्ध होगा, वहीं ऐसे फेरीवालों का कारोबार बढ़ जाएगा।

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