विपक्षी एका की कोशिशों का परिणाम जल्द : मुलायम
राजद मुखिया से पारिवारिक गठबंधन व फिर स्वास्थ्य लाभ के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने 'जनता परिवार' के कुनबे को मिलाकर एक सियासी दल में तब्दील करने की मुहिम फिर तेज कर दी है। दो दिन पहले दिल्ली में तीसरे चरण की बैठक हुई, जिसमें
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राजद मुखिया से पारिवारिक गठबंधन व फिर स्वास्थ्य लाभ के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने 'जनता परिवार' के कुनबे को मिलाकर एक सियासी दल में तब्दील करने की मुहिम फिर तेज कर दी है। दो दिन पहले दिल्ली में तीसरे चरण की बैठक हुई, जिसमें मसौदे का खाका तैयार किया गया। शनिवार को मुलायम ने खुद इसका राजफाश करते हुए कहा कि बैठक के नतीजे जल्द सामने होंगे। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि सभी स्वीकारें, इसके लिए सपा को और मजबूत बनाना पड़ेगा।
प्रदेश कार्यालय में व लोहिया साहित्य के मुख्य संयोजक बदरी विशाल पित्ती की जयंती समारोह में उन्होंने कहा कि विपक्षी एका के लिए दो दिन पहले सभी दलों के नेता दिल्ली में जुटे थे। इसी लिए वह दिल्ली गए थे। उन्होंने कहा कि लोहिया ने जिस तरह से गैरकांग्रेसवाद के नारे पर सबको एकजुट किया था, हालांकि तब अयोध्या प्रकरण नहीं हुआ था, उसी अंदाज में सब को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं। आप (समाजवादी पार्टी) मजबूत होंगे तो सब स्वीकार करेंगे, वरना दूसरे लोग आगे हो जाएंगे।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद मुलायम सिंह यादव, नीतीश कुमार और लालू यादव, देवगौड़ा, शरद यादव व कम्युनिष्ट पार्टियों के दिग्गज एक मंच पर जुटे थे। जहां भाजपा से मुकाबले के लिए जनता परिवार को एकजुट करने की पहल हुई थी, फिर खामोशी हो गई। अब शनिवार को मुलायम ने तीन चरणों की बातचीत व जल्द परिणाम का संकेत देकर साफ कर दिया है कि बिहार चुनाव तक विपक्षी दल नया मोर्चा खड़ा कर सकता है।
गंगा सफाई अभियान पर भी निशाना
मुलायम ने नरेंद्र मोदी का नाम लिए बगैर कहा कि प्रधानमंत्री अब गंगा सफाई का नारा दे रहे हैं, जबकि दशकों पहले डा.लोहिया ने नदियों की सफाई की जरूरत बताई थी। लोहिया साहित्य में यह सब दर्ज है। मुलायम ने गंगा सफाई को अच्छा अभियान तो बताया लेकिन सवाल भी उठाया कि अगर सहायक नदियां साफ नहीं होंगी तो फिर गंगा कैसे साफ होगी। आधे हिंदुस्तान को हरा-भरा बनाने वाली इस नदी की सफाई से पहले इसमें गिरने वाली सहायक नदियों की सफाई करने का अभियान चलाना होगा।
गंदे नालों का गिरना रोकना पड़ेगा। राज्य की समाजवादी सरकार इस दिशा में भी काम कर रही है। मुलायम ने बदरी विशाल पित्ती से अपने रिश्तों व पूंजीपति होने के बावजूद समाजवाद के लिए संघर्ष की कहानी भी सुनाई। उन्होंने कहा कि अगर बदरी विशाल ने प्रयास नहीं किया होता लोहिया के विचार, साहित्य की इतनी उपलब्धता नहीं होती। जयंती समारोह में मंत्री राजेन्द्र चौधरी, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरविंद सिंह 'गोप', सांसद नरेश अग्रवाल, मंत्री नारद राय, एमएलसी अशोक वाजपेयी, पूर्व सांसद भगवती सिंह व बदरी विशाल पित्ती के बेटे शरद बदरी विशाल पित्ती व पौत्र अक्षय शरद पित्ती भी मौजूद थे।
लोहिया को पढ़ो वरना टिकट नहीं
'वैचारिक साथियों' का कारवां बढ़ाने का प्रयास में जुटे मुलायम ने एक बार फिर कार्यकर्ताओं को लोहिया व समाजवादी साहित्य पढ़ने की नसीहत दी। जोड़ा कि जो लोग लोहिया का साहित्य नहीं पढ़ेंगे, उन्हें 'फार्म बी' (पार्टी प्रत्याशी होने का प्रमाण पत्र) नहीं दिया जाएगा। वह पता कर लेंगे कि कौन पढ़ रहा है और कौन नहीं। मुलायम ने तंज कसा कि युवा ब्रिगेड में चार-पांच लोग पढ़ रहे हैं जबकि नौजवानों को इसे गंभीरता से पढ़ना चाहिए।
यह भी कहा कि सिर्फ अखिलेश व मुलायम की तारीफ से समाजवादी आंदोलन नहीं बढ़ेगा। नारे लगाना अच्छी बात है, मगर विचारों का साहित्य पढ़ना उससे भी बेहतर है। मुलायम ने पुराने साथी भगवती सिंह से कहा कि पता करें कि उनकी पीढ़ी के समाजवादियों में अब कौन-कौन बचा है। आपातकाल में जेल गए समाजवादियों की जानकारी भी की जाए।
बलिदान से बनी समाजवादी पार्टी
समाजवादी पार्टी के गठन व आंदोलन के दौरान पांच लोगों की हत्या का उल्लेख करते हुए कहा कि कार्यकर्ताओं के बलिदान पर यह पार्टी खड़ी हुई है। शुरुआती दिनों में तो जसवंतनगर में क्षेत्र के अध्यक्ष व महासचिव की घर में सोते समय हत्या कर दी गई थी। सपा के आंदोलनों में घायल व मुकदमों की जद में आए पुराने कार्यकर्ताओं के संघर्ष की दास्तां भी युवा ब्रिगेड को सुनाते हुए कहा कि लोगों को जोड़ने का काम करें, तोड़ने का नहीं। पुरानी कुर्बानियों को पढ़ें और याद भी रखें।
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