अमरनाथ तीर्थयात्रियों के लिए बड़ा खतरा हो सकते हैं पत्थरबाज
सुरक्षा इंतजाम को लेकर हुई बैठक, तीर्थयात्रा मार्ग में तैनात होंगे 27,000 सुरक्षाकर्मी..
नई दिल्ली, प्रेट्र। वार्षिक अमरनाथ तीर्थयात्रा 29 जून से शुरू होने जा रही है। इस बार अमरनाथ तीर्थयात्रियों के लिए आतंकियों के समान पत्थरबाज भी बड़ा खतरा हो सकते हैं। इसे देखते हुए तीर्थयात्रा मार्ग में करीब 27,000 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया जाएगा। यात्रा सात अगस्त को समाप्त होगी।
अमरनाथ तीर्थयात्रा के सुरक्षा इंतजामों पर चर्चा के लिए केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक की गई। इसमें केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए। बैठक के बाद मंगलवार को गृह मंत्रालय में सलाहकार अशोक प्रसाद ने कहा कि तीर्थयात्रा को आतंकियों और पत्थरबाजों से समान खतरा है। इस पर ध्यान दिया जा रहा है। सेना द्वारा पाक सैन्य चौकियां ध्वस्त करने के संभावित प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सुरक्षा योजना को अंतिम रूप देने से पहले सभी मुद्दों पर विचार किया जाएगा। जम्मू-कश्मीर सरकार ने केंद्र से अधिकतर सीआरपीएफ कर्मियों समेत 27,000 सुरक्षा कर्मियों की मांग की है। पिछले साल अमरनाथ यात्रा के लिए 20,000 अर्धसैनिक बल और राज्य पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था।
कश्मीर घाटी में जारी अशांति के बावजूद इस बार अमरनाथ तीर्थयात्रियों की संख्या में कमी नहीं आई है। अब तक करीब 1.80 लाख तीर्थयात्रियों ने पंजीकरण कराया है। पिछले साल प्राकृतिक रूप से बने बर्फ के शिवलिंग का करीब 2.20 लाख तीर्थयात्रियों ने दर्शन किया था। अमरनाथ गुफा मंदिर 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह पहलगाम से 46 किलोमीटर और बालटाल से 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
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