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शीना के शव के नए अवशेष मिले, पुराने बेकार

शीना बोरा हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में सबसे बड़ी मुश्किल पुलिस के सामने यह है कि शीना के शव के पर्याप्त नमूने नहीं हैं ताकि फारेंसिक आधार पर भी यह साबित किया जा सके कि शव शीना का ही है। खार पुलिस को जेजे अस्पताल ने शुक्रवार को बताया है

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Sat, 29 Aug 2015 04:50 AM (IST)Updated: Sat, 29 Aug 2015 07:00 AM (IST)
शीना के शव के नए अवशेष मिले, पुराने बेकार

मिड डे, मुंबई। शीना बोरा हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में सबसे बड़ी मुश्किल पुलिस के सामने यह है कि शीना के शव के पर्याप्त नमूने नहीं हैं ताकि फारेंसिक आधार पर भी यह साबित किया जा सके कि शव शीना का ही है। खार पुलिस को जेजे अस्पताल ने शुक्रवार को बताया है कि पेन पुलिस की ओर से 2012 में दिए गए हड्डी, दांत और बाल के टुकड़ों से कुछ भी साबित नहीं हो पाया है। हालांकि घटनास्थल पर जाकर मुंबई पुलिस ने शव की कुछ और हड्डियां निकाल कर जांच को पुख्ता करने का नया रास्ता खोज लिया है।

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इस मामले की जांच से जुड़े कलीना स्थित जैविक विभाग ने रायगढ़ में स्थित लाश ठिकाने लगाने की जगह पर जाकर शीना के शव के और अवशेष तलाशने की कोशिश की। उन्हें इसमें कामयाबी भी मिली है। टीम को विभिन्न प्रकार की हड्डियां मिली हैं। पुलिस जांच के लिए वहां की मिïट्टी के भी नमूने लेकर देर रात मुंबई लौट आई है। इसके बाद, पुलिस ने शीना के नमूनों से मिलान के लिए उसके छोटे भाई मिखाइल के डीएनए सैंपल भी ले लिए हैं। ताकि इन नमूनों का मिलान कर उसके शीना के नमूने होने की पुष्टि हो सके।

कलीना की फारेंसिक साइंस लैब से संबद्ध एक वैज्ञानिक ने बताया कि 2012 में उनके पास शव के नमूने कभी पहुंचे ही नहीं थे। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह जेजे अस्पताल की ओर से खार पुलिस को लौटाए गए नमूनों की जांच करेंगे, उन्होंने हां में जवाब दिया। उन्होंने कहा पुलिस जितने भी नमूने भेजेगी वह उसकी जांच करेंगे और उन नमूनों का आपस में मिलान भी करेंगे। एक अन्य फारेंसिक वैज्ञानिक ने कहा कि यह देखने की जरूरत है कि फारेंसिक टीम तीन साल बाद बचे-खुचे नमूने से कुछ हासिल कर पाती है या नहीं।

पहले के नमूनों में टिशु कम था

इधर मुंबई के जेजे अस्पताल के डीन डॉ. टीपी लहाने और ग्रांट मेडिकल कालेज ने कहा कि उन्हें 2012 में मिले अज्ञात शव की हड्डियों के टुकड़ों, दांतों और बालों के अवशेषों के नमूने मिले थे। उसकी जांच से उम्र, लिंग और मौत के कारण का पता नहीं चल रहा है। एनाटोमी विभाग भी इन तीनों में से एक भी बात की पुष्टि नहीं कर सका है। चूंकि नमूनों में ऊतक (टिशु) बहुत कम थे। उल्लेखनीय है कि जेजे अस्पताल को जब पेन थाने की पुलिस ने 2012 में नमूने दिए थे तब भी जांच को लेकर अस्पताल ने यह बातें कहीं थीं। शुक्रवार को खार पुलिस को वह नमूने लौटाते हुए फिर वहीं बातें दोहराई गई हैं।

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