ब्रिटेन में झुंड में डूबकर जान दे रही हैं मैना
जैसे अपने यहां गोरैया को लेकर चिंता जताई जाती है, ब्रिटेन में मैना को लेकर उसी तरह की चिंता है। यहां पक्षी विशेषज्ञ हाल में उभर रही इस शिकायत की भी जांच कर रहे हैं कि मैना पानी में डूबकर जान दे रही हैं।
जागरण डेस्क, नई दिल्ली। जैसे अपने यहां गोरैया को लेकर चिंता जताई जाती है, ब्रिटेन में मैना को लेकर उसी तरह की चिंता है। यहां पक्षी विशेषज्ञ हाल में उभर रही इस शिकायत की भी जांच कर रहे हैं कि मैना पानी में डूबकर जान दे रही हैं।
मैना ब्रिटेन में भी आम पक्षी है। लेकिन ब्रिटिश पक्षी विज्ञान ट्रस्ट के अनुसार, पिछले 25 साल में इनकी संख्या करीब 79 प्रतिशत कम हुई है। पक्षियों के संरक्षण से जुड़ा एक संगठन इस प्रजाति के पक्षी को बचाने के लिए खास सरकारी कदम उठाने की मांग कर रहा है।
इनके डूबकर मरने की घटनाएं सिर्फ एक प्रतिशत हुई हैं लेकिन पक्षी विज्ञानी इसे लेकर चिंतित हैं। उन्होंने इंग्लैंड और वेल्स की 12 जगहों की पहचान की है जहां पिछले 20 साल में झुंड में या एक से अधिक मैना की इस तरह मौत हुई है। लंदन की जीवविज्ञान सोसाइटी की बेकी लॉसन के नेतृत्व में एक टीम इसके कारणों की जांच-पड़ताल कर रही है। ये घटनाएं गार्डन के तालाब और स्विमिंग पूल में ज्यादा हुई हैं। एक कुएं, यहां तक कि एकबार एक बाल्टी में भी मरे मैने पाए गए। इनमें से कुछ में 10 या उससे भी अधिक मरे मैने एक साथ पाए गए।लॉसन का कहना है कि यह तो हमने निश्चित कर लिया है कि इनकी मौत का कारण कोई रोग नहीं है।
दो बातें बहुत साफ हैं: पहली, इन सबका जन्म कुछ महीने पहले हुआ था और इस खयाल से उन्हें बच्चा कहा जा सकता है; दूसरी, ये घटनाएं मई और जून में हुई हैं।
वे कहती हैं कि हमारी टीम अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है लेकिन आरंभिक तौर पर ऐसा लगता है कि झुंड में रहने और कोई भी काम एकसाथ करने की आदत भी इसके पीछे हो सकती है। उनका सुझाव है कि स्वीमिंग पूल या घरों के बागों में पक्षियों के लिए पानी पीने की जगह पर ऐसे रैंप बनाए जाने चाहिए जहां चिडि़या पानी पीने उतरें तो वे डूबें नहीं।