मालेगांव ब्लास्ट के आरोपी कर्नल पुरोहित की जमानत याचिका खारिज
एनआइए के आरोपपत्र पेश करने से पहले ही पुरोहित रक्षामंत्री मनोहर पर्रीकर को पत्र लिखकर कह चुके हैं कि उन्हें इस मामले में गलत फंसाया गया है।
मुंबई, राज्य ब्यूरो। मालेगांव विस्फोट मामले में लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित की जमानत अर्जी विशेष अदालत द्वारा खारिज कर दी गई है। 29 सितंबर, 2008 को हुए इन विस्फोटों में सात लोग मारे गए थे। इस मामले में पुरोहित को साध्वी प्रज्ञा के साथ आरोपी बनाया गया है।
पुरोहित पर आरोप है कि उन्होंने सैन्य सेवा में रहते हुए अभिनव भारत नामक हिंदूवादी संगठन का गठन किया और मालेगांव विस्फोट की साजिश रची। इस मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने मई में उनके विरुद्ध आरोपपत्र दाखिल करते हुए कहा था कि अभिनव भारत का गठन कर उन्होंने सेवा शर्तो का उल्लंघन तो किया ही, वह भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की बात भी करते रहे। एनआइए ने कहा कि पुरोहित मालेगांव विस्फोट की साजिश के लिए हुई पांच बैठकों में शामिल हुए थे। इसी तथ्य का इस्तेमाल विस्फोट का शिकार हुए लोगों के वकील शरीफ शेख ने पुरोहित की जमानत का विरोध करते हुए किया।
एनआइए के आरोपपत्र पेश करने से पहले ही पुरोहित रक्षामंत्री मनोहर पर्रीकर को पत्र लिखकर कह चुके हैं कि उन्हें इस मामले में गलत फंसाया गया है। उन्हें राष्ट्र सेवा की सजा दी जा रही है। पिछले सात साल से जेल में बंद पुरोहित का कहना है कि उन्हें सैन्य गुप्तचर शाखा की ओर से आतंकी संगठनों में घुसपैठ बनाने के निर्देश दिए गए थे और वह उसी मिशन में लगे थे। पुरोहित के अनुसार इस मिशन की जानकारी उनके अधिकारियों को भी थी।
पुरोहित के इन तर्को के बावजूद उनकी जमानत की अर्जी विशेष अदालत ने नकार दी। जून में अदालत इस मामले की मुख्य आरोपी प्रज्ञा ठाकुर की जमानत अर्जी भी ठुकरा चुकी है। हालांकि एनआइए उन्हें अपनी जांच में क्लीन चिट दे चुकी थी। अदालत प्रज्ञा ठाकुर की जमानत अर्जी ठुकराते हुए, एनआइए की क्लीन चिट पर भी सवाल उठा चुकी है।