पूर्वाचल में सपा रोकेगी हाथी की चाल
पूर्वाचल के चुनावी घमासान को देखते हुए समाजवादी पार्टी न सिर्फ अपना गढ़ बचाने में जुटी है, बल्कि हाथी की चाल पर अंकुश लगाने के लिए ताकत झोंकनी शुरू कर दी है। पार्टी के सभी बड़े नेताओं को पूर्वी उत्तर प्रदेश पहुंचने का फरमान सुना दिया गया है। संगठन के माहिर नेताओं को संसदीय क्षेत्र का विशेष प्रभार स
नई दिल्ली, [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। पूर्वाचल के चुनावी घमासान को देखते हुए समाजवादी पार्टी न सिर्फ अपना गढ़ बचाने में जुटी है, बल्कि हाथी की चाल पर अंकुश लगाने के लिए ताकत झोंकनी शुरू कर दी है। पार्टी के सभी बड़े नेताओं को पूर्वी उत्तर प्रदेश पहुंचने का फरमान सुना दिया गया है। संगठन के माहिर नेताओं को संसदीय क्षेत्र का विशेष प्रभार सौंपा गया है, ताकि पार्टी उम्मीदवारों की कठिनाइयों का समाधान तत्काल किया जा सके।
पूर्वाचल के केंद्र में स्थित आजमगढ़ सीट से सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के उतरने से समूचे क्षेत्र में चुनावी सरगर्मी बढ़ गई है। यह सीट जहां भाजपा के पास है, वहीं आजमगढ़ की दूसरी लालगंज संसदीय [सुरक्षित] सीट और उसकी सीमाओं से लगी घोषी और जौनपुर सीट पर बसपा का कब्जा है। बसपा के हाथी प्रभाव वाले क्षेत्र में कूदकर ताल ठोंकने वाले नेताजी की प्रतिष्ठा को बचाने के लिए सपा ने पूरी ताकत झोंक दी है। ताकि बसपा के कब्जे वाली आसपास की सीटें छीनी जा सकें।
पूर्वाचल की ज्यादातर सीटों पर सात मई और 12 मई को वोट पड़ने हैं। सपा के सामने जहां बलिया, चंदौली, गाजीपुर, मछली शहर, राबटर््सगंज और मिर्जापुर की सीटों को बचाने की चुनौती है। यही वजह है कि पार्टी ने मोदी के प्रभाव को कम करने से ज्यादा ध्यान बसपा को रोकने पर लगाया है।
पूर्वाचल की भदोही, बस्ती, देवरिया, घोषी, जौनपुर और लालगंज संसदीय सीट पर बसपा का कब्जा है। बसपा की तैयारियों को देखते हुए समाजवादी पार्टी ने अपने सभी बड़े नेताओं को पूर्वी जिलों में पहुंचने का निर्देश दिया है। जहां मतदान हो चुका है, वहां के नेताओं को पूरे लाव लश्कर के साथ पूर्वाचल में डेरा डालने को कहा गया है।
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