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'थ्रीडी मिशन' के लिए मसकनवां में पहली बार 'मुलायम अवतार'

सियासत की यह एक दिलचस्प कहानी है। इसकी पटकथा का केंद्र बिंदु 'थ्री-डी' यानी तीन दोस्त हैं। समय के साथ 'दोस्ती' के रंग कैसे बदले, इसका प्रदर्शन करने के लिए मसकनवां में पहली बार 'मुलायम अवतार' होने वाला है। जी हां, कृषि मंत्री कुंवर आनंद सिंह की बर्खास्तगी के बाद पहली बार सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव गोंडा के म

By Edited By: Published: Fri, 25 Apr 2014 12:19 PM (IST)Updated: Fri, 25 Apr 2014 12:19 PM (IST)
'थ्रीडी मिशन' के लिए मसकनवां में पहली बार 'मुलायम अवतार'

गोंडा [गोविन्द मिश्र]। सियासत की यह एक दिलचस्प कहानी है। इसकी पटकथा का केंद्र बिंदु 'थ्री-डी' यानी तीन दोस्त हैं। समय के साथ 'दोस्ती' के रंग कैसे बदले, इसका प्रदर्शन करने के लिए मसकनवां में पहली बार 'मुलायम अवतार' होने वाला है।

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जी हां, कृषि मंत्री कुंवर आनंद सिंह की बर्खास्तगी के बाद पहली बार सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव गोंडा के मसकनवां में 30 अप्रैल को जनसभा को संबोधित करेंगे। देखने योग्य यह होगा कि इस सभा में मुलायम के तेवर उन तीन दोस्तों के लिए कैसे होंगे, जिनसे फिलहाल 'सियासी रिश्तों' में तल्खी आ चुकी है। सबसे पहले चर्चा मुलायम के सबसे पुराने दोस्त बेनी प्रसाद वर्मा की। यह बताने की जरूरत नहीं कि बेनी खुद गोंडा संसदीय सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी हैं। दोस्ती में दरार पड़ने के बाद से ही बेनी के निशाने पर मुलायम सिंह रहते हैं। वह आए दिन उनके खिलाफ कुछ न कुछ 'चटर-पटर' दाग देते हैं। ऐसे में मुलायम का नजरिया बेनी के प्रति मसकनवां में क्या होगा, यह देखने लायक होगा।

दोस्त नंबर दो बोले तो कीर्तिवर्धन सिंह। मुलायम की कप्तानी में वह वर्ष 1998 व 2004 में सपा की पताका फहराकर संसद पहुंच चुके हैं। इस बार टिकट कटने के बाद कीर्तिवर्धन सिंह भाजपा के प्रत्याशी हैं। ऐसे में कीर्तिवर्धन भी उनके निशाने पर होंगे। इसके बाद नंबर आता है कुंवर आनंद सिंह का। बेटे के बड़बोलेपन तथा कृषि मंत्री पद से बर्खास्तगी के बाद वह अज्ञात वास पर हैं। न तो वह बेटे का ही साथ दे पा रहे हैं और न अपनी पार्टी के प्रत्याशी का। अब मुलायम आएंगे तो वह मौजूद रहेंगे या नहीं, इस पर भी सबकी निगाहें रहेंगी। यही नहीं, मसकनवां में सपा सुप्रीमो का नजरिया कुंवर आनंद सिंह के भविष्य को भी तय करेगा। माना जा रहा है कि राजघराने से रिश्तों में आई तल्खी के बाद मुलायम सिंह यहां पर मुस्लिम वोट बैंक को सहेजने और पार्टी के दुर्ग में प्रतिष्ठा को कायम रखने के लिए आ रहे हैं।

सपाइयों की मानें तो यह नेताजी [मुलायम सिंह यादव] की मसकनवां में पहली जनसभा होगी। इससे पहले वह 2002 में छपिया मंदिर में दर्शन करने के लिए जरूर गए थे। बहरहाल, मुलायम सिंह के दौरे का मिशन 'पुराने साथियों' को मात देकर विधानसभा के बाद लोकसभा में भी सपा के वर्चस्व को कायम करने का होगा।

सपा का रिपोर्ट कार्ड

वर्ष परिणाम

1996 हार

1998 जीत

1999 हार

2004 जीत

2009 हार

पढ़ें: मोदी व आजम के खिलाफ टिप्पणी को लेकर बेनी, कटियार को नोटिस

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