दक्षिण के शहरों को आगरा से होगी सीधी फ्लाइट
दिल्ली में नीति आयोग की गवर्निग काउंसिल की बैठक में भाग लेने दिल्ली आए योगी ने नई दिल्ली हवाई अड्डे पर राजू से मुलाकात की।
हरिकिशन शर्मा, नई दिल्ली। वह दिन दूर नहीं जब मुंबई, बेंगलूर या चेन्नई के लिए आगरा से सीधे फ्लाइट होगी। उत्तर प्रदेश क्षेत्रीय शहरों को हवाई सेवा से जोड़ने की सरकार केंद्र की 'उड़ान' योजना के तहत राज्य के कई शहरों से हवाई सेवा शुरू करने की तैयारी कर रही है। खास बात यह है कि ताजनगरी में अधिकाधिक पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए यहां से दक्षिण भारतीय शहरों के लिए सीधी उड़ान शुरु की जा सकती हैं।
सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को नई दिल्ली में केंद्रीय नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू से मुलाकात के दौरान केंद्र की 'रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम' में भागीदारी बनने को रुचि दिखायी। दिल्ली में नीति आयोग की गवर्निग काउंसिल की बैठक में भाग लेने दिल्ली आए योगी ने नई दिल्ली हवाई अड्डे पर राजू से मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक योगी और राजू की मुलाकात के दौरान छोटे-छोटे क्षेत्रीय शहरों को वायुयान सेवा से जोड़ने की सरकार की रीजनल कनेक्टिविटी योजना को लेकर व्यापक चर्चा हुई। सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय नागर विमानन मंत्री जल्द ही लखनऊ का दौरा करेंगे और इस दौरान वह इस योजना के अलावा विमानन क्षेत्र के अन्य मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे। दोनों नेताओं की इस मुलाकात में आगरा हवाई अड्डे को लेकर विशेष रूप से चर्चा हुई।
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उल्लेखनीय है कि यूपी सरकार ने हाल ही में आगरा हवाई अड्डे का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय हवाई अड्डा करने का फैसला किया है। दोनों नेताओं ने इस बात पर भी चर्चा की ताजनगरी में पर्यटन की संभावनाओं को देखते हुए दक्षिण भारतीय शहरों को आगरा से सीधे हवाई सेवा के माध्यम से कैसे जोड़ा जाए। अगर आगरा दक्षिणी भारतीय शहरों से जुड़ता है तो इससे प्रदेश को पर्यटन की दृष्टि से काफी लाभ होगा।केंद्र ने 21 अक्टूबर 2016 को क्षेत्रीय शहरों को हवाई सेवाओं से जोड़ने के लिए उड़ान योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत केंद्र और राज्य सरकारें एयरलाइनों तथा हवाई अड्डा डवलप करने वाली कंपनियों को प्रोत्साहन मुहैया कराएंगी।
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यूपी में आगरा और इलाहाबाद दो ऐसे हवाई अड्डे हैं जहां व्यवसायिक हवाई सेवाओं का अभी पूरी तरह विस्तार नहीं हुआ है। इसके अलावा प्रदेश में करीब ढाई दर्जन हवाई पट्टियां हैं जो फिलहाल व्यवसायिक सेवा के लिए इस्तेमाल में नहीं है। केंद्र की 'उड़ान' योजना के तहत इन हवाई पट्टियों को विकसित किया जा सकता है।