दक्षिण एशिया में मानसून रहेगा सामान्य से कम
भारत और उसके दक्षिण एशियाई पड़ोसी देशों में इस साल मानसून सामान्य या इससे कम रह सकता है। बुधवार को मौसम विशेषज्ञों के संगठन ने कहा है कि यदि चार माह के मानसून सीजन में अल नीनो मौसम पैटर्न शक्तिशाली हुआ तो यह स्थिति बन सकती है। विश्व मौसम विशेषज्ञों के संगठन साउथ एशियन क्लाइमेट आउटलुक फोरम का पूर्वानुमान बताते हु
पुणे। भारत और उसके दक्षिण एशियाई पड़ोसी देशों में इस साल मानसून सामान्य या इससे कम रह सकता है। बुधवार को मौसम विशेषज्ञों के संगठन ने कहा है कि यदि चार माह के मानसून सीजन में अल नीनो मौसम पैटर्न शक्तिशाली हुआ तो यह स्थिति बन सकती है।
विश्व मौसम विशेषज्ञों के संगठन साउथ एशियन क्लाइमेट आउटलुक फोरम का पूर्वानुमान बताते हुए भारतीय मौसम विभाग के अधिकारी डीएस पई ने कहा, 'इस बात पर मजबूत सहमति है कि मानसून में अल नीनो के क्रमिक विकास की पूरी संभावना है।' सामान्य से कम बारिश विश्व के दूसरे सबसे बड़े गन्ना और चावल उत्पादक भारत में फसल बर्बाद कर सकती है। सोयाबीन के उत्पादन वाले मध्य और पश्चिमी इलाकों में कम बारिश के कारण प्रमुख खाद्य तेल आयातक को दूसरे देशों पर निर्भर रहना पड़ सकता है। अल नीनो प्रशांत महासागर के समुद्री तल पर गरमी से पहचाना जाता है और यह ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण--पूर्व एशिया और भारत में सूखे का कारण बन सकता है।