Move to Jagran APP

श्रेय की सियासत: मनमोहन को सोनिया भी भूलीं

मंगलयान मिशन की सफलता में भी श्रेय लेने की सियासत खूब हुई। खास बात है कि मंगलयान का प्रक्षेपण जिन मनमोहन सिंह के कार्यकाल में हुआ, उन्हें खुद उनकी पार्टी और उसकी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी बिसार दिया। कांग्रेस ने मंगलयान की सफलता का श्रेय लूटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना तो की, लेकिन मनमोहन

By Edited By: Published: Thu, 25 Sep 2014 07:57 AM (IST)Updated: Thu, 25 Sep 2014 07:58 AM (IST)
श्रेय की सियासत: मनमोहन को सोनिया भी भूलीं

नई दिल्ली [राजकिशोर]। मंगलयान मिशन की सफलता में भी श्रेय लेने की सियासत खूब हुई। खास बात है कि मंगलयान का प्रक्षेपण जिन मनमोहन सिंह के कार्यकाल में हुआ, उन्हें खुद उनकी पार्टी और उसकी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी बिसार दिया। कांग्रेस ने मंगलयान की सफलता का श्रेय लूटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना तो की, लेकिन मनमोहन सिंह का नाम लेने से सबने परहेज किया।

loksabha election banner

मंगलयान की सफलता पर प्रधानमंत्री के भाषण पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई। कहा कि मोदी ने सिर्फ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र किया, जबकि इसरो को यहां तक पहुंचाने में पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर पिछली संप्रग सरकार का भी योगदान रहा है। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया कि 'मंगलयान मिशन की सफलता में भागीदार रहे सभी लोगों को बधाई। क्या मोदी को लगता है कि यह भी उनके 100 दिनों की उपलब्धि है?' अगले ट्वीट में उन्होंने पीएम पर निशाना साधा, 'काश पीएम ने गरिमापूर्ण ढंग से स्वीकार किया होता कि पंडित नेहरू के विजन, विक्रम साराभाई और संप्रग सरकार ने भी इसरो व वैज्ञानिकों का समर्थन किया है।' कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इसरो प्रमुख के.राधाकृष्णन को पत्र लिखकर बधाई दी। साथ में जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी की नीतियों को इस दिन के लिए श्रेय दिया। उन्होंने भी मनमोहन का नाम नहीं लिया, जिनके प्रधानमंत्री रहते 5 नवंबर 2013 को मंगलयान प्रक्षेपित किया गया था। कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा कि पहली बार प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने ऐसी संस्थाएं बनाईं। उनकी सोच का नतीजा है कि मुल्क इस तरह की उपलब्धियां हासिल कर रहा है। ऐसा नहीं है कि यह मोदी की सरकार में हुआ है। ये पहली बार हुआ है यह न कहें, बल्कि बड़प्पन यह है कि समग्र रूप से इसकी चर्चा करें।

बकौल शर्मा पिछली सरकारों को भी श्रेय देना चाहिए। हालांकि, शर्मा ने भी मंगलयान का श्रेय मनमोहन को नहीं दिया। इन सबसे अलग पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए सिर्फ इतना ही कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि वह उस सरकार के हिस्सा रहे, जिसने इस परियोजना को आगे बढ़ाया।

पढ़े : कौतूहल का केंद्र बना हमलावर बाघ, पर्यटकों की संख्या घटी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.