Move to Jagran APP

सोनिया-राहुल को उम्मीद नहीं थी नीतीश चलेंगे इस्तीफे का ब्रह्मास्त्र

आखिरी उम्मीद में कांग्रेस ने कहा पांच साल के जनादेश का सम्मान हो।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 27 Jul 2017 03:18 AM (IST)Updated: Thu, 27 Jul 2017 03:18 AM (IST)
सोनिया-राहुल को उम्मीद नहीं थी नीतीश चलेंगे इस्तीफे का ब्रह्मास्त्र
सोनिया-राहुल को उम्मीद नहीं थी नीतीश चलेंगे इस्तीफे का ब्रह्मास्त्र

संजय मिश्र, नई दिल्ली। बिहार में महागठबंधन की अंतकथा लिखने के नीतीश कुमार के कदमों से कांग्रेस हाईकमान हतप्रभ है। पार्टी के शीर्ष सूत्रों के अनुसार नीतीश ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को इस तरह का कदम उठाने पर न कोई चर्चा की थी न ही कोई जानकारी दी थी। राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने जाते वक्त जब नीतीश ने कांग्रेस को यह जानकारी दी तो सीपी जोशी ने उन्हें रोकने की काफी कोशिश की। नीतीश के इस फैसले के बाद गठबंधन को बचाने के लिए आखिरी दांव चलते हुए कांग्रेस ने पांच साल के लिए मिले जनादेश का सम्मान करने और मिल बैठकर रास्ते निकालने की अपील की है।

loksabha election banner

 कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने नीतीश के इस्तीफे के बाद बिहार के घटनाक्रम पर पार्टी की आधिकारिक प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि हम इस घटनाक्रम से निराश हैं। जनता ने नीतियों और कार्यक्रमों पर महागठबंधन को पांच साल का जनादेश दिया था। यह जनादेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ था। सुरजेवाला ने कहा कि इसलिए आपसी विवाद के विषय को आपसी बातचीत के जरिए सुलझाते हुए जनादेश का सम्मान किया जाना चाहिए। कांग्रेस उम्मीद करती है कि महागठबंधन के नेता आपसी संवाद के रास्ते जनता के पांच साल के दिए गए जनादेश के सम्मान का रास्ता निकालेंगे।

 कांग्रेस प्रवक्ता ने गठबंधन बचाने की आखिरी उम्मीद में नीतीश के भाजपा कैंप में जाने की खबरों पर कोई टिप्पणी नहीं की। मगर पार्टी के उच्चपदस्थ सूत्रों का साफ कहना था कि नीतीश ने इस्तीफे की आखिरी वक्त में जिस तरह जानकारी दी उसका संकेत साफ है कि भाजपा के साथ उनकी राजनीतिक दोस्ती की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। उनका कहना था कि नीतीश की अंदरखाने यह तैयारी ही थी कि उन्होंने सोनिया और राहुल से अलग-अलग हुई बातचीत के दौरान खुद के इस्तीफा देने जैसा कदम उठाने का कोई संकेत नहीं दिया था। जब नीतीश ने राजभवन जाते समय अपनी कार में से ही बिहार के प्रभारी महासचिव सीपी जोशी को इस्तीफे देने की जानकारी दी तो हतप्रभ जोशी ने रोकने की कोशिश।

 जोशी ने कहा कि वे तुरंत सोनिया और राहुल से बात कर रास्ता निकालने का प्रयास करेंगे। इस पर नीतीश नहीं माने और कहा कि वे राजभवन के लिए निकल चुके हैं और अब बहुत देर हो चुकी है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार पार्टी हाईकमान राजद प्रमुख लालू प्रसाद को तेजस्वी मामले में महागठबंधन की एकता के लिए समझाने की पहल कर रहा था। नीतीश को कांग्रेस की ओर से हो रही पहल की जानकारी भी थी मगर इसके बावजूद उनका इस्तीफा देना साफ तौर पर उनकी नई सियासी दिशा की ओर बढ़ने का संकेत है। जाहिर तौर पर नीतीश के जाने से कांग्रेस को न केवल बिहार में झटका लगेगा बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन को आकार देने की उसकी कोशिशों को भी गहरा आघात लगना तय है।

-राजभवन जाते समय नीतीश को रोकने की कांग्रेस ने की नाकाम कोशिश

-आखिरी उम्मीद में कांग्रेस ने कहा पांच साल के जनादेश का सम्मान हो।

यह भी पढें: नवीन सरकार के रहते नहीं हो सकता ओडिशा का विकास

यह भी पढें: गीत संगीत के साथ झूला झूलकर मनाई हरियाली तीज


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.