हत्यारे पिता ने जेल में बेटे को पढ़ाकर बनाया आइआइटीयन
राजस्थान के कोटा की जेल में बंद एक कैदी ने अपने बेटे को जेल से पढ़ाकर ही आइआइटीयन बना दिया।
जयपुर, (जागरण संवाददाता)। हत्या के मामले में कोटा की खुली जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे शिक्षक पिता ने बेटे को स्वयं पढ़ाकर आइआइटीयन बना दिया। उसके बेटे पीयूष का एसटी वर्ग में 453वीं रैंक आई।
राजस्थान के कोटा जिले के डांकिया गांव निवासी फूलचंद मीणा सरकारी स्कूल में शिक्षक थे। 2001 में हत्या के आरोप में फूलचंद, उनके भाई, तीन भांजे और पिता को आरोपी बनाया गया। फूलचंद सहित पांच लोगों को 2007 में आजीवन कारावास की सजा हो गई। जेल में फूलचंद से जब भी उसकी पत्नी मिलने आती तो वह बेटे पीयूष की पढ़ाई पर ध्यान देने के लिए कहता। इस दौरान अच्छे व्यवहार के चलते फूलचंद को कोटा की खुली जेल में रख दिया गया। इसके बाद उसने पत्नी और बेटे को अपने पास बुला लिया। पढ़ाई में पैसे की कमी न आए इसलिए, उसने मजदूरी कर ली। दिनभर मजदूरी करने के बाद शाम छह बजे से रात दो बजे तक कोठरी के बाहर ही बैठकर बेटे को पढ़ाता भी था।
जब कोचिंग में एडमिशन के लिए पैसे कम पड़े तो रिश्तेदारों से उधार लेकर बेटे का एडमिशन कराया। पीयूष ने जेल की कोठरी में ही रहकर सालभर पढ़ाई की। पीयूष ने बताया कि पिता ने ही मुझे इंजीनियरिंग की तैयारी करने का हौसला दिया। शुरुआत में कोचिंग में रिजल्ट अच्छा न आने से तनाव में आ गया। सोचा कि अगर सफल नहीं हुआ तो पिता के सम्मान को ठेस पहुंचेगी। पिता ने समझाया कि वह तनाव न ले और केवल पढ़ाई पर ध्यान दे।
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