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सुकमा में अर्धसैनिक बलों पर हमले की कुछ इस तरह रची गई थी साजिश

सुरक्षाबलों के लोकेशन से लेकर उनके मूवमेंट तक की पूरी जानकारी नक्सलियों के पास थी। और इस काम के सूत्रधार थे वहां के गांव वाले।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Mon, 24 Apr 2017 09:15 PM (IST)Updated: Mon, 24 Apr 2017 09:40 PM (IST)
सुकमा में अर्धसैनिक बलों पर हमले की कुछ इस तरह रची गई थी साजिश
सुकमा में अर्धसैनिक बलों पर हमले की कुछ इस तरह रची गई थी साजिश

नई दिल्ली, जेएनएन। सुकमा में जिस वक्त सोमवार की दोपहर को सीआरपीएफ के जवानों पर हमला हमला किया गया वह माओरवादी की तरफ से पूरी सुनियोजित रणनीति का हिस्सा था। सुरक्षाबलों के लोकेशन से लेकर उनके मूवमेंट तक की पूरी जानकारी नक्सलियों के पास थी और इस काम के असली सूत्रधार थे वहां के गांव वाले।

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जी हां, इस नक्सली हमले में घायल सीआरपीएफ के कमांडर शेख मोहम्मद का दावा है कि बुर्कपाल क्षेत्र में नक्सलियों के प्रति सहानुभूति रखनेवाले या संगम के सदस्य लगातार माओवादियों के संपर्क में थे। घायल जवान शेख मोहम्मद ने बताया कि महिलाओं समेत करीब 300 की तादाद में नक्सलियों ने अचानक सुरक्षबलों पर धावा बोल दिया।

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उन्होंने आगे बताया, "सामान्यतया नक्सली गांववालों को अपने बचाव के लिए इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इस बार गांव वालों ने ही हमारी लोकेशन और मूवमेंट की पूरी जानकारी उन्हें दे दी। गांव वाले लगातार माओवादियों को हमारी जानकारी से अवगत करा रहे थे। उसके बाद नक्सलियों ने अचानक हमारे सामने आकर फायरिंग शुरू कर दी। हमने भी जवाबी कार्रवायी की जिसमें उनके कैडर के भी कई लोग मारे गए। लेकिन इस हमले में हमें ज्यादा नुकसान पहुंचा।"
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घायल जवान ने बताया कि इस क्षेत्र में गुरिल्ला वार में माआवोदी प्राय: जो रणनीति अपनाते हुए उसके मुताबिक वो सबसे पहले जवानों पर आईईडी विस्फोट करते हैं और फौरन बाद वे सभी दो तरफ से लगातार हमला करते है ताकि घायल सुरक्षाकर्मी को मार सके। 

हमले में घायल एक अन्य जवान ने छत्तीसगढ़ आर्म्स फोर्स या स्टेट पुलिस की टीम की मांग को सभी सीआरपीएफ कैंपों पर लगाने की मांग की है क्योंकि माओवादी आसानी से स्थानीय सूचनाएं हासिल कर लेते है। और यह सूचनाएं माओवादी विरोधी ऑपरेशन में बड़ी भूमिका निभाती हैं।


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