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RBI: यूपी-उत्तराखंड के बाजारों में उतार दी 700 करोड़ की स्वायल करेंसी

आरबीआइ ने नोटबंदी के बाद उपजे नकदी संकट को दूर करने के नाम पर 700 करोड़ से अधिक स्वायल करेंसी यूपी और उत्तराखंड के बाजारों में उतार दी है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sun, 04 Dec 2016 09:46 PM (IST)Updated: Sun, 04 Dec 2016 11:07 PM (IST)
RBI: यूपी-उत्तराखंड के बाजारों में उतार दी 700 करोड़ की  स्वायल करेंसी

कानपुर (बृजेश दुबे)। पैसे को हाथ का मैल कहा गया है और अब यह मैल आपके लिए बीमारी का कारण बन सकती है। आरबीआइ ने नोटबंदी के बाद उपजे नकदी संकट को दूर करने के नाम पर 700 करोड़ से अधिक 'मैल' यूपी और उत्तराखंड के बाजारों में उतार दी है। क्लीन नोट पालिसी को धता बता आरबीआइ ने करेंसी चेस्ट में मौजूद सारे स्वायल नोट बैंकों को बांट दिए और अब ये नोट लोगों के हाथों में घूम रहे हैं। लंबे समय से जमा इस करेंसी का बड़ा हिस्सा बेहद गंदी हालत में है और कुछ गड्डियां तो बदबू कर रही हैं।

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नोटबंदीः जो नोट नष्ट करने थे, आरबीआइ ने बैंकों को थमा दिए

क्लीन नोट पालिसी के तहत वे नोट नहीं लिए जा सकते जिनमें कुछ लिखा हो, स्टेपल किया गया हो, कटे फटे टेप लगे हों, घिस चुके हों। बैंक ऐसे नोट आरबीआइ को भिजवाते हैं। आरबीआइ समय मिलने पर संबंधित बैंक को बुलाकर इन नोटों की गिनती कराता है और फिर एक्सचेंज कर लेता है। सूत्रों का कहना है कि आरबीआइ की करेंसी चेस्ट में पिछले एक साल से रेमीटेंस (नष्ट करने योग्य) क्लीयर नहीं हुए हैं। इसमें यूपी और उत्तराखंड के बैंकों की करेंसी चेस्ट से आए स्वायल नोट हैं जिनका मूल्य 700 करोड़ रुपये से अधिक है। नकदी संकट के नाम पर आरबीआइ अपनी स्वायल करेंसी चेस्ट में मौजूद इस 'मैल' को साफ कर रही है। इसमें बेहद खराब हालत वाले भी नोट हैं। पहले दस-दस रुपये के नोट में करोड़ों की रेमीटेंस दी गई फिर 50 रुपये की। अब सौ-सौ रुपये के स्वायल नोट दिए जा रहे हैं। ये नोट पहले निकाले गए स्वायल नोट से भी बुरी हालत में हैं।

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डिप्टी गवर्नर के निर्देश का सहारा

आरबीआइ कानपुर ने स्वायल नोट को बाहर निकालने के लिए डिप्टी गवर्नर के निर्देश का सहारा लिया है। एक बैंक के बड़े अधिकारी का कहना है कि आरबीआइ का करेंसी इश्यू विभाग कह रहा, जब तक स्वायल नोट नहीं लेंगे, नई करेंसी नहीं मिलेगी।

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नोट गिनें तो हाथ जीभ में न लगाएं

जीएसवीएम के टीबी एंड चेस्ट विभाग के प्रोफेसर डा. सुधीर चौधरी का कहना है कि नोट, पेन, मोबाइल आदि कई लोगों के हाथों से होकर गुजरते हैं। इससे वायरल इंफेक्शन का खतरा रहता है। अगर नोट लंबे समय तक डंप हैं तो नमी के कारण फंगस होने की भी आशंका है। लोगों की आदत थूक लगाकर नोट गिनने की होती है, यह गलत है। जब भी नोट को गिनें तो सैनीटाइजर या साबुन से हाथ साफ कर लें। बिना हाथ धुले नाक और जीभ को स्पर्श नहीं करें।

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नोटों को वापस ले लिया जाएगा

क्षेत्रीय निदेशक आरबीआइ कानपुर विवेक दीप ने कहा कि नकदी संकट के कारण वे नोट भी जारी किए गए जो क्लीन नोट पालिसी के तहत प्रचलन से बाहर हो जाने चाहिए। जैसे ही कैश फ्लो की स्थिति सही होगी, इन गंदे नोटों को वापस ले लिया जाएगा।

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