जेटली ने कहा, हर दो साल में होता है वीआइपी सुरक्षा सर्वे
राहुल गांधी की जासूसी मामले में कांग्रेस ने आज संसद में कार्य स्थगन प्रस्ताव दिया है। राज्यसभा में मामले पर चर्चा करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी अाजाद ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि इससे सरकार विपक्षी नेताओं पर दवाब बनाना चाहती है। उधर, दिल्ली
नई दिल्ली। राहुल गांधी की जासूसी मामले में कांग्रेस ने आज संसद में कार्य स्थगन प्रस्ताव दिया है। राज्यसभा में मामले पर चर्चा करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी अाजाद ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि इससे सरकार विपक्षी नेताओं पर दवाब बनाना चाहती है। उधर, दिल्ली पुलिस के आयुक्त बीएस बस्सी ने इस मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की।
आजाद ने कहा कि इस समय राहुल गांधी का सुरक्षा सर्वे समझ से बाहर है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा के नाम पर राहुल के करीबियों की जानकारी मांगी गई। वह किस-किस से मिलते हैं और कौन-कौन उनसे मिलने आता है, उनके हुलिए आदि की जानकारी ली गई। आजाद ने आरोप लगाया कि इससे पहले भी राहुल की जासूसी की गई। उन्होंने कहा कि इस तरह के कृत्य से देश का माहौल खराब होता है। यह सरकार द्वारा विपक्षी नेताओं की राजनीतिक आजादी को कम करने की साजिश है। उन्होंने इस मामले में गृहमंत्री से सदन में बयान देने की मांग की।
वहीं जदयू सांसद केसी त्यागी ने कहा कि राजनीतिक जासूसी की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कॉरपोरेट जासूसी की भी जांच की मांग की। दूसरी ओर सपा सांसद नरेश अग्रवाल ने आरोप लगाया कि सरकार विपक्षी नेताओं का फोन टैपिंग भी करा रही है।
राज्यसभा में सरकार की ओर से वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जवाब देते हुए कहा कि यह एक रूटिन प्रक्रिया है और यह 1987 से लगातार होती चली आ रही है। उन्होंने कहा कि हर दो साल में वीवीआइपी का सुरक्षा सर्वे होता है। मेरा भी हुआ। इसमें आवश्यक जानकारी जुटाने के लिए फॉर्म भरवाया जाता है। इसका जासूसी से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा सर्वे पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। हर व्यक्ति को इसमें सहयोग करना चाहिए।
जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने दिल्ली पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा कि परफॉर्मा हाइटेक क्यों नहीं है? उन्होंने कहा कि राहुल गांधी से उनके माता-पिता का नाम पूछे जाने का क्या मतलब है। हो-हंगामे के बीच कांग्रेस के सदस्यों ने राज्यसभा से वाक आउट किया।
गौरतलब है कि कांग्रेस ने अपने पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी के घर पर दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के जाने को मुद्दा बनाते हुए इसे 'स्नूपगेट' कांड से जोड़ दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने रविवार को आरोप लगाया कि अब केंद्र में भी गुजरात की तर्ज पर जासूसी की जा रही है। जहां तक नागरिकों की निजता के अधिकार की बात है तो उसको लेकर मौजूदा सरकार को जवाब देना है। अब वे हर जगह वही करने का प्रयास कर रहे हैं जो एक राज्य में हो रहा है। मोदी और अमित शाह अब यहां हैं।
शर्मा ने कहा कि यह सिर्फ एक व्यक्ति तक सीमित नहीं है। यह कहीं ज्यादा गहरा है। गुजरात में उन्होंने जो काम किया अब वे हर जगह करना चाहते हैं। उन्होंने एक साक्षात्कार में की गई अपनी उस टिप्पणी को उचित ठहराया कि विपक्ष के वरिष्ठ नेताओं के फोन टैप किए जा रहे हैं और उन पर निगरानी रखी जा रही है।
यह पूछे जाने पर इस दावे के पक्ष में उनके पास कोई सबूत है तो शर्मा ने कहा, नेताओं, न्यायाधीशों और दूसरे लोगों के फोन टैप करने के लिए पत्र नहीं भेजे जाते हैं। यह तभी साबित हो सकता है जब प्रधानमंत्री, गृह मंत्री विपक्षी नेताओं को फोन टैपिंग के संदर्भ में पत्र दें।
...24 साल पहले भी हुई थी कुछ इसी तरह की घटना
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