व्यापम घोटाला: एसआइटी ने बनाया था आरोपी, सीबीआइ ने छोड़ा
व्यापम घोटाला मामले में सीबीआई में अदालत में पूरक चालान पेश किया है। एसआइटी ने फर्जी छात्र के पिता को फरार घोषित किया था
ग्वालियर, (नई दुनिया)। सीबीआइ ने शुक्रवार को विशेष सत्र न्यायालय में व्यापम के पीएमटी कांड में एक पूरक चालान पेश किया। एसआइटी ने फर्जी छात्र के पिता को फरार घोषित किया था, लेकिन सीबीआइ के पूरक चालान में उसे छोड़ दिया गया है। जांच को पेंडिंग बताते हुए लिखा गया है कि साक्ष्य मिलेंगे तभी चालान पेश किया जाएगा। वहीं सॉल्वर की तलाश नहीं हो सकी है।
झांसी रोड पुलिस ने 2009 में हुए पीएमटी फर्जीवाड़े के आरोप में वरण शर्मा पर केस दर्ज किया था। उसके पिता जन्मेजय शर्मा व दलाल ज्ञान सिंह को आरोपी बनाया गया था, लेकिन ज्ञान सिंह की मौत हो गई थी। एसआइटी ने जांच के बाद 22 मई 2015 को चालान पेश कर दिया था, जिसमें वरण शर्मा को गिरफ्तार बताया गया था। पिता को फरार घोषित किया गया था। इसके अलावा ज्ञान सिंह की मौत होने पर उसे आरोपी नहीं बताया था। इसका सॉल्वर एसआइटी को भी नहीं मिला था। इसके बाद जांच सीबीआइ के पास चली गई। सीबीआइ ने इस मामले की जांच की। उसने पूरक चालान पेश किया है।
आरोप लगाया है कि वरण ने पीएमटी फर्जी तरीके से पास की है। उसने अपनी जगह किसी दूसरे व्यक्ति को परीक्षा में बिठाया था। ओएमआर शीट पर उसके हस्ताक्षर नहीं हैं। किसी दूसरे व्यक्ति के हैं, लेकिन वरण के पिता जन्मेजय के खिलाफ कोई सुबूत नहीं मिला है। इसलिए आरोपी नहीं बनाया।
सीबीआइ को नोटिस
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने व्यापम फर्जीवाड़े के आरोपी डॉ.पंकज त्रिवेदी व जगदीश सागर की जमानत अर्जियों पर सुनवाई चार जुलाई तक के लिए बढ़ा दी है। इस बीच सीबीआइ को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश के साथ केस डायरी प्रस्तुत करने कहा गया है।
दुर्भावना के कारण फंसाया : शर्मा
व्यापम घोटाले के आरोपी सुधीर शर्मा शुक्रवार शाम 4:30 बजे केंद्रीय कारावास से बाहर निकल आए। पत्रकारों से चर्चा में कहा कि जांच एजेंसी एसटीएफ ने दुर्भावना के कारण मुझे फंसाया है। उन्होंने सीबीआइ पर भी आरोप लगाया कि उसने कागजों की पड़ताल किए बिना ही अपराध दर्ज किया।
व्यापम मामले में सुधीर शर्मा के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ