Move to Jagran APP

नोटबंदी के फैसले के बाद अाया करीब चार लाख करोड़ रुपए कालाधन

नोटबंदी के बाद आईटी डिपार्टमेंट ने जानकारी दी है कि 8 नवंबर के बाद बैंकों का ऋण की अदायगी करीब 80,000 हजार करोड़ रुपये नकद की गई।

By Mohit TanwarEdited By: Published: Tue, 10 Jan 2017 03:42 PM (IST)Updated: Wed, 11 Jan 2017 07:42 AM (IST)
नोटबंदी के फैसले के बाद अाया करीब चार लाख करोड़ रुपए कालाधन

नई दिल्ली, जेएनएन। नोटबंदी के बाद पुराने 500 और 1000 रुपये के अधिकांश नोट बैंकों में जमा होने के बाद सरकार अब कालाधन पकड़ने में जुट गयी है। केंद्र का अनुमान है कि आठ नवंबर के बाद बैंकों में पुराने नोट के रूप में जितनी राशि जमा हुई उसमें से लगभग 3 से 4 लाख करोड़ रुपये कालाधन हो सकता है। इसका मतलब यह है कि इस राशि पर लोगों ने टैक्स नहीं चुकाया है और उसे किसी तरह बैंक में जमा कर दिया है।

loksabha election banner

सरकार पहले साफ कर चुकी है कि कालाधन बैंक में जमा करने से ही सफेद नहीं हो जाएगा। इसलिए अब आयकर विभाग ऐसे लोगों की पहचान कर उन्हें नोटिस भेजने की तैयारी कर रहा है जिन्होंने टैक्स चोरी कर भारी भरकम धनराशि बैंकों में जमा करायी है।

पढ़ें- नोटबंदी का असर, 60 लाख बैंक खातों में दो लाख रुपये से ज्यादा जमा

वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार सरकार की नजर ऐसे खाताधारकों के साथ-साथ सहकारी बैंकों, पूर्वोत्तर के राज्यों और सीमावर्ती जिलों की बैंक शाखाओं में पुराने नोट जमा कराने वाले लोगों पर भी है। सूत्रों के अनुसार आठ नवंबर को नोटबंदी के बाद देशभर में महज 50 दिन में ही 60 लाख से अधिक बैंक खातों में प्रत्येक में दो लाख रुपये से अधिक जमा हुए हैं। इस तरह इन खातों में करीब 7.34 लाख करोड़ रुपये जमा हुए हैं।

सहकारी बैंकों पर नजर

सहकारी बैकों में भी नोटबंदी के बाद 16000 करोड़ रुपये 500 व 1000 रुपये के पुराने नोट के रूप में बंद हुए हैं। सरकार और रिजर्व बैंक सहकारी बैंकों को लेकर शुरु से ही सतर्क थे इसके बावजूद इनके दुरुपयोग होने की आशंका है। ऐसे में आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय अब इनके खाते खंगाल रहे हैं। वहीं क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में 13,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि जमा हुई है।

पढ़ें- खतरे में पड़ सकती है जम्मू कश्मीर में मौजूद जवानों की जिंदगी : रिपोर्ट

सूत्रों का कहना है कि जो बैंक खाते दो साल से बंद पड़े थे, उनमें भी नोटबंदी के बाद लगभग 25,000 करोड़ रुपये जमा होने का अनुमान है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि आठ नवंबर 2016 के बाद लोन खातों मंे तकरीबन 80,000 रुपये जमा हुए हैं। इनमें से पौने दो लाख से अधिक लोन खाते ऐसे हैं जिसमें प्रत्येक में 25 लाख रुपये से अधिक लोन का भुगतान कैश में किया गया है।

उल्लेखनीय है कि सरकार ने 8 नवंबर को 500 रुपये और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद करने के बाद आम लोगों को 30 दिसंबर तक ये नोट बैंक में जमा करने की समयावधि दी थी। इसी दौरान सरकार ने बैंकों से जमा राशि के संबंध में ब्यौरा भी मांगा था। आयकर विभाग ने बैंकों से मिले आंकड़ों का विश्लेषण किया और उसी के आधार पर कर चोरी की शंका वाले मामलों में नोटिस जारी किए जा रहे हैं। साथ ही प्रवर्तन निदेशालय को भी सूचना दी गयी है।

60 लाख खातों में जमा हुए दो लाख से ज्यादा

सूत्रों ने कहा कि नोटबंदी के बाद जिन 60 लाख बैंक खातों में दो लाख रुपये से अधिक के पुराने नोट जमा हुए हैं उनमें से 6.80 लाख बैंक खातों की पहचान सरकार के पास उपलब्ध मौजूदा सूचनाओं से कर ली गयी है। इस संबंध में संबंधित आयकर अधिकारियों को सतर्क कर दिया गया है।

पूर्वोत्तर पर विशेष नजर

सूत्रों ने कहा कि 9 नवबंर 2016 के बाद पूर्वोत्तर में 10,700 करोड़ रुपये जमा हुए हैं। इसके अलावा आतंकवाद से प्रभावित राज्यों में भी जमा हुए पुराने नोट के संबंध में जानकारी संबंधित प्रवर्तनकारी एजेंसियों को दे दी गयी है। इन क्षेत्रों पर सरकार की विशेष नजर है।

सूत्रों ने कहा कि आयकर विभाग उन खातों पर भी ध्यान दे रहा है जिनमें दो से ढाई लाख रुपये जमा हुए हैं लेकिन इनमें से कई का पैन नंबर, मोबाइल नंबर और पता एक ही है। ऐसे खातों में लगभग 42,000 करोड़ रुपये जमा होने का अनुमान है।

जन धन खाते भी जांच के दायरे में

सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत खुले खातों में भी भारी भरकम राशि पुराने नोट के रूप में जमा होने के मामले भी जांच के दायरे में हैं। अगर किसी जन धन खाते में एक लाख रुपये से अधिक कैश जमा हुआ है तो खुफिया जानकारी के आधार पर उसकी जांच की जाएगी। इसके अलावा बंद पड़े खातों में भारी भरकम 25,000 करोड़ रुपये जमा होने का अनुमान है।

सूत्रों ने कहा कि नोटबंदी के बाद जमा हुई धनराशि से जुड़े मामलों की जांच आयकर विभाग के साथ-साथ ईडी और सीबीआई भी कर रही है। आयकर विभाग व्यापक स्तर पर आंकड़ों का विश्लेषण भी कर रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.