केंद्रीय नेतृत्व की चुप्पी बनी जम्मू-कश्मीर में सरकार के गठन में बाधा
एक साल पहले जम्मू कश्मीर में पीडीपी-भाजपा सरकार बनाने में सक्रिय भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व इस बार चुप है। सरकार बनाने के लिए इस बार प्रदेश भाजपा के नेता ही सक्रिय रहे। इससे भी राज्य में सरकार बनने में बाधा आ रही है।
जम्मू। एक साल पहले जम्मू कश्मीर में पीडीपी-भाजपा सरकार बनाने में सक्रिय भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व इस बार चुप है। सरकार बनाने के लिए इस बार प्रदेश भाजपा के नेता ही सक्रिय रहे। इससे भी राज्य में सरकार बनने में बाधा आ रही है।
इस बार के विधानसभा चुनाव में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था। पीडीपी 28 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी, जबकि भाजपा को 25 सीटें मिली थीं। उस समय पहली बार राज्य में सरकार बनाने का इतिहास रचने वाली भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व काफी सक्रिय रहा था।
भाजपा के तत्कालीन महासचिव राम माधव कई दिनों तक राज्य में डेरा डाले रहे थे और उन्होंने पीडीपी के नेताओं से बातचीत की थी। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुफ्ती मोहम्मद सईद के बीच बैठक हुई जिसमें सरकार बनाने पर मुहर लग गई।
वहीं इस बार स्थिति अलग है। मुफ्ती के निधन के बाद प्रदेश भाजपा के नेताओं ने समय-समय पर सरकार बनाने की बात की। लेकिन भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने कोई भी बयान नहीं दिया। इस दौरान भाजपा के नेता दिल्ली में भी चर्चा करने के लिए गए मगर केंद्रीय नेतृत्व चुप ही रहा। हालांकि राम माधव ने यह बयान जरूर दिया कि उनकी ही सरकार बनेगी।
दूसरी ओर पीडीपी का रुख इस बार कुछ और रहा। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने साफ कर दिया कि उन्हें भाजपा से नहीं बल्कि केंद्र से आश्वासन चाहिए। केंद्र अगर कोई विश्वास बहाली के लिए कदम उठाती है तो ही सरकार बनेगी। इसके बावजूद केंद्र इस बार अभी भी चुप्पी साधे हुए है।
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