जवान के परिजनों ने कहा- 'हम सब के लिए यह पुनर्जन्म जैसा है'
सियाचिन ग्लेशियर में छह दिनों तक दबे रहने के बाद चमत्कारिक रूप से जीवित बचे लांस नायक हनुमंतथप्पा कोप्पड़ के परिजनों ने इस खबर से राहत की सांस ली है। हनुमंतथप्पा की पत्नी महादेवी ने कहा कि हम सब के लिए यह पुनर्जन्म जैसा है।
धारवाड़, (कर्नाटक)। सियाचिन ग्लेशियर में छह दिनों तक दबे रहने के बाद चमत्कारिक रूप से जीवित बचे लांस नायक हनुमंतथप्पा कोप्पड़ के परिजनों ने इस खबर से राहत की सांस ली है। हनुमंतथप्पा की पत्नी महादेवी ने कहा कि हम सब के लिए यह पुनर्जन्म जैसा है।
धारवाड़ जिले के कुंडागुल तालुक के बेटाडुर गांव में रह रहे लांस नायक हनुमंतथप्पा कोप्पड़ के परिवार वाले उसके जीवित बचने की खबर से खुशी का कोई ठिकाना नहीं है। हनुमंतथप्पा की पत्नी महादेवी ने कहा कि मेरे पति की दादी ने उसे जीवित रहने की प्रेरणा दी है। उनकी प्रार्थना ने उसे सियाचिन में मौत के मुंह से निकाल लिया। महादेवी ने बताया कि उनका परिवार हादसे की खबर के बाद से असहनीय पीड़ा में था। लेकिन उनके जीवित बचने की खबर ने हम सबके चेहरे पर मुस्कान ला दी है। मेरी डेढ़ साल की बेटी है। मुझे नहीं पता मैं क्या करूं।
वहीं, हनुमंतथप्पा के चचेरे भाई ईश्वर ने नई दिल्ली स्थित आर्मी अस्पताल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जख्मी हनुमंतथप्पा को देखने आने पर उनकी प्रशंसा की। ईश्वर ने सैन्य अधिकारियों की भी देखभाल को सराहा। उन्होंने बताया कि हनुमंतथप्पा के जीवित होने की खबर से पूरे बेटाडुर गांव ने राहत की सांस ली है। कई लोग वहां मंदिर में पूजा-अर्चना कर रहे हैं।
इस बीच, कर्नाटक के प्रख्यात उद्योगपति और सांसद राजीव चंद्रशेखर ने हनुमंतथप्पा के परिजनों के दिल्ली आने-जाने और रहने की व्यवस्था का पूरा खर्च उठाने का ऐलान किया है। चंद्रशेखर ने कहा कि घायल सैनिक के परिजनों की हर जरूरत को वह पूरा करेंगे। उन्होंने हनुमंतथप्पा के जल्द ठीक होने की भी कामना की।