दुष्कर्म पीड़िता का मृत्युपूर्व बयान पेश करने का आदेश
दिल्ली सामूहिक दुष्कर्म कांड में सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस को पीड़िता का मृत्युपूर्व दिया गया बयान व अन्य दस्तावेज अदालत में पेश करने का निर्देश दिया है। शीर्ष अदालत ने ये निर्देश मुकेश और पवन की फांसी की सजा के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान जारी किए। न्यायमूर्ति बीएस चौहान की अध्यक्षता वाली पीठ ने दोषिया
नई दिल्ली, जाब्यू। दिल्ली सामूहिक दुष्कर्म कांड में सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस को पीड़िता का मृत्युपूर्व दिया गया बयान व अन्य दस्तावेज अदालत में पेश करने का निर्देश दिया है। शीर्ष अदालत ने ये निर्देश मुकेश और पवन की फांसी की सजा के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान जारी किए।
न्यायमूर्ति बीएस चौहान की अध्यक्षता वाली पीठ ने दोषियों मुकेश और पवन की फांसी पर रोक अगली सुनवाई तक बढ़ाते हुए कहा कि वे मामले में विचार करने से पहले पीड़िता का मृत्यु पूर्व दिया गया बयान देखना चाहेंगे। अगर बयान भरोसा करने लायक है तो उन्हें नहीं लगता कि फिर इस कोर्ट को मामले में दखल देना चाहिए। पीठ ने दिल्ली पुलिस से कहा कि वह अगली सुनवाई पर मामले से जुड़े सारे दस्तावेज रिकार्ड और पीड़िता का मृत्युपूर्व दिया गया बयान पेश करे। मुकेश और पवन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दाखिल कर फांसी की सजा को चुनौती दी है। सत्र अदालत और दिल्ली हाई कोर्ट ने मुकेश, पवन व दो अन्य को को फांसी की सजा 16 दिसंबर, 2012 की रात चलती बस में फिजियोथेरेपिस्ट युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म के जुर्म में सुनाई है। चार में से दो दोषी रहम की गुहार लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं।
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