अखिलेश की 'रथयात्रा' से पहले ही शिवपाल यादव फूंकेंगे चुनावी बिगुल
सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव एक तरफ कहते हैं कि परिवार और पार्टी एक है। लेकिन शिवपाल यादव ने रथयात्रा से ठीक पहले चुनावी बिगुल फूंकने का फैसला किया है।
नई दिल्ली, [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। जंग जारी है। सपा के दोनों धड़ों के नेताओं ने कमर कस ली है। कोई किसी के आगे झुकने को तैयार नहीं है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जहां तीन नवंबर से रथयात्रा पर निकलने वाले हैं, वहीं उनके चाचा शिवपाल ने बृहस्पतिवार से ही चुनावी बिगुल फूंकने का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि हम अकेले चुनाव प्रचार पर निकल रहे हैं, जिसकी शुरुआत सहारनपुर से कल करुंगा। शिवपाल यादव की बातों में तल्खी बरकरार है।
उत्तर प्रदेश सपा के अध्यक्ष शिवपाल यादव बुधवार को यहां पहुंचे। वह पांच नवंबर को होने वाले पार्टी रजत जयंती समारोह में शामिल होने के लिए धर्मनिरपेक्ष दलों के अपने पुराने समाजवादी दलों को न्यौता देने आये हुए हैं। देर शाम यादव ने जनता दल (यू) के वरिष्ठ नेता शरद यादव से मुलाकात की, जबकि इसके पहले उनकी मुलाकात केसी त्यागी से भी हो गई थी। पार्टी के इस जलसे को शानदार बनाने के लिए नीतीश कुमार, लालू यादव और अजित सिंह को शामिल होने की संभावना है। वह इसी के लिए सभी नेताओं को निमंत्रण देने आए हुए हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि शिवपाल यहां दो दिनों तक प्रवास करेंगे।
सपा में संग्राम: रामगोपाल पर 'नेताजी' की तल्ख टिप्पणी से करीबी बेचैन
समाजवादी पार्टी के इस समारोह के बहाने उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में गैर भाजपा महागठबंधन की रुपरेखा तैयार करना है। शिवपाल ने कहा कि हमे सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ना है। लोहियावादी, चौधरी चरण सिंह बादी और गांधीवादियों को एक मंच पर लाने की तैयारी है। हमने यह कवायद एक साल पहले से शुरु कर दी थी। प्रोफेसर राम गोपाल का नाम लिये बगैर उन्होंने कहा 'लेकिन कुछ स्वार्थी लोगों के चलते यह समझौता होते होते रह गया। खुद को सीबीआई से बचाने की जुगत में महागठबंधन को नहीं बनने दिया गया।'
रामगोपाल यादव के कल दिये बयान पर तीखी टिप्पणी करते हुए शिवपाल ने कहा कि भला कौन है जो अपने बेटे की तरक्की नहीं चाहता है। लेकिन यह जिम्मेदारी बेटे की भी उतनी ही होती है कि वह परिवार के बड़े लोगों का सम्मान करे। उन्होंने पलटवार करते हुए कहा 'क्या रामगोपाल अपने बेटे अक्षय से जलते हैं?' मुलायम सिंह के मुख्यमंत्री बनने के सवाल पर शिवपाल ने कहा 'अभी ऐसी स्थिति नहीं है।'
अखिलेश के मुख्यमंत्री बनाये रखने के पार्टी के फैसले के बारे में उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को किसी के बहकावे में नहीं आना चाहिए। नेताजी को खुश करें और मुख्यमंत्री बने रहें। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री यदि अपने कार्यक्रम में बुलाएंगे तो जरूर जाएंगे। लेकिन तल्खी के साथ यह भी जोड़ा, 'क्यों कि अब मैं उनके अधीन नहीं हूं। अब मैं पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष हूं।' नरेश अग्रवाल के बारे में कहा, 'उनके बारे में मुझे कुछ पता नहीं और मुझे पता भी नहीं रखना है।'