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BMC चुनाव: BJP को बाहर रखने के लिए कांग्रेस से हाथ मिलाएगी शिवसेना !

महाराष्ट्र में आए निकाय चुनाव के परिणामों के बाद वहां के राजनीतिक हालातों में कई तरह के बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

By Kishor JoshiEdited By: Published: Sat, 25 Feb 2017 09:40 AM (IST)Updated: Sat, 25 Feb 2017 11:46 AM (IST)
BMC चुनाव: BJP को बाहर रखने के लिए कांग्रेस से हाथ मिलाएगी शिवसेना !
BMC चुनाव: BJP को बाहर रखने के लिए कांग्रेस से हाथ मिलाएगी शिवसेना !

मुंबई (जेएनएन)। निकाय चुनावों के परिणाम जारी होने के बाद बाद महाराष्ट्र की राजनीति दिलचस्प हो गयी है। बीएमसी चुनावों में बहुमत के लिए पर्याप्त सीटें न मिलने के बाद शिवसेना ने अब देश के सबसे अमीर नगर निकाय - मुंबई नगर निगम पर कब्जा जमाने और भाजपा को रेस से बाहर करने के लिए कांग्रेस के साथ पर्दे के पीछे से बातचीत शुरू कर दी है। 

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एक अंग्रेजी अखबार के अनुसार, उद्धव ठाकरे ने इसके लिए कांग्रेस से समर्थन मांगा है तांकि शहर के मेयर की कुर्सी पर शिवसेना का कब्जा हो सके। अखबार के मुताबिक शिवसेना ने कांग्रेस को समर्थन के बदले डिप्टी मेयर का पद ऑफर किया है।  अधिकारियों के मुताबिक मेयर का चुनाव 9 मार्च को होगा।

महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चौहान ने पार्टी के सीनियर नेताओं की एक बैठक बुलाई है, जिसमें सेना के प्रस्ताव के बारे में चर्चा की जाएगी। इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे, नारायण राणे, मुंबई के कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरुपम, सांसद हुसैन दलवई और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नसीम खान और बालासाहेब थोराट शामिल होंगे।

इससे पहले अशोक चौहान के नजदीकी कांग्रेस विधायक अब्दुल सतार ने कहा कि पार्टी शिवसेना को समर्थन देने के बारे में विचार करेगी। उन्होंने कहा, 'चूंकि भाजपा हमारी सबसे बड़ी प्रतिद्वंदी है, इसलिए पार्टी की राज्य इकाई बीएमसी ही नहीं बल्कि राज्य के बाकी बाकी निकाय चुनावों और जिला परिषद् के चुनावों में भी शिवसेना को समर्थन देने या ना देने के बारे में पार्टी आलाकमान को एक प्रस्ताव भेजेगी। 

आपको बता दें कि गुरुवार को आए बीएमसी के नतीजों में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। 227 सीटों में से शिवसेना के खाते में 84 सीटें आई हैं जबकि भाजपा को भी 82 सीटें मिलीं है। वहीं कांग्रेस के पास 31, एनसीपी के पास 09 और मनसे के पास 07 सीटें हैं। हालांकि यह विकल्प बचा हुआ है कि भाजपा और शिवसेना अपने मतभेद भुलाकर फिर से साथ आ जाएं और इस बात के संकेत कल केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी दिए थे।

वहीं कांग्रेस ने भी साफ कर दिया है कि गठबंधन पर तभी विचार हो सकता है जब शिवसेना फडणवीस सरकार से समर्थन वापस लेगी। वहीं शिवसेना के एक वरिष्ठ नेता ने नाम ना जाहिर करने पर बताया, 'अतीत में हमने राष्ट्रपति पद के कांग्रेस के उम्मीदवार प्रतिभा पाटिल और प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया है। हमें लगता कि कांग्रेस भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए हमें समर्थन दे देगी।'

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