शिवसेना का BJP पर निशाना, कहा- हम पीठ में वार करने वालों की औलाद नहीं
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए विभिन्न आरोपों के चलते मंत्री पद गंवाने वाले महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एकनाथ खडसे का बचाव किया है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। महाराष्ट्र और केंद्र में भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने एक बार फिर भाजपा पर निशाना साधा है। जमीन घोटाला और दाऊद इब्राहिम के फोन कॉल विवाद के कारण कुर्सी गंवाने वाले महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे के बहाने शिवसेना ने भाजपा पर अपने मुखपत्र 'सामना' के जरिए हमला बोला है।
सामना में लिखे इस लेख में कहा गया है, 'जिस एकनाथ खड़से को मंत्री पद से जाना पड़ा उन्होंने सीना ठोककर कहा कि अपने दल के गद्दारों के कारण मुझे सत्ता से बाहर होना पड़ा।' सामना में लिखे गए इस संपादकीय में लिखा गया है, "खड़से ने जिस तरह की चेतावनी दी है, उसे देखते हुए भविष्य में यदि कोई छोटा महाभारत घटित होता है तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए।"
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खडसे के जाने पर भाजपा ने मनाई दिवाली
सामना में लिखे इस लेख में आगे लिखा "खड़से पिछले चालीस साल से राजनीति में हैं और उन्होंने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। भारतीय जनता पार्टी के विकास के लिए उन्होंने अपार परिश्रम किया है और जलगांव में खडसे ने कई ईमानदार शिवसैनिकों पर वार किया है। सत्ता का गलत इस्तेमाल भी उन्होंने इसके लिए किया लेकिन इसके बावजूद भी खडसे से हमारा द्वेष नहीं है। लेकिन मंत्री पद जाते ही खडसे को इस बात का दुख नहीं है कि जलगांव में शिवसैनिकों ने पटाखे फोड़े, दुख इस बात का है कि उनके ही दल में दीवाली मनाई गई।"
शिवसेना का मुख्यमंत्री होता तो नहीं होता खड़से का हाल
भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए सामना ने लिखा है, ' खड़से ने शिवसेना से युति तोड़ने के लिए पहला कदम बढाया था क्योंकि उस समय देश में मोदी की लहर थी और उस लहर में कुंदे भी तर गए। हमें इसका खेद नहीं है, लेकिन युति नहीं तोड़ी होती तो शिवसेना का मुख्यमंत्री बना होता, ऐसा खड़से कहते हैं। शिवसेना का मुख्यमंत्री बना होता तो खडसे की पीठ में इस तरह का वार संभवत नहीं हुआ होता। क्योंकि पीठ पर वार करने वालों की औलाद शिवसेना नहीं है।'
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