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असम कत्लेआम पर शिवसेना ने केंद्र को लताड़ा

असम में बोडो उग्रवादियों द्वारा आदिवासियों के कत्लेआम पर शिवसेना ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है। पार्टी ने कहा कि केंद्र अब तक पूर्वोत्तर के इस राज्य की गंभीर स्थिति को समझने में नाकाम रहा है। दशकों से असम में जारी हिंसा को तभी समाप्त किया जा सकता

By Kamal VermaEdited By: Published: Fri, 26 Dec 2014 07:01 PM (IST)Updated: Fri, 26 Dec 2014 11:43 PM (IST)
असम कत्लेआम पर शिवसेना ने केंद्र को लताड़ा

मुंबई। असम में बोडो उग्रवादियों द्वारा आदिवासियों के कत्लेआम पर शिवसेना ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है। पार्टी ने कहा कि केंद्र अब तक पूर्वोत्तर के इस राज्य की गंभीर स्थिति को समझने में नाकाम रहा है। दशकों से असम में जारी हिंसा को तभी समाप्त किया जा सकता है जब जम्मू-कश्मीर और असम के साथ न्याय (सुरक्षा मामलों में) करने में कोई भेदभाव न किया जाए।

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असम में नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एस) और आदिवासियों के जवाबी हमले में अब तक 78 लोगों की मौत हो चुकी है। मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में पार्टी ने लिखा,'बीते कई वर्षो से असम में ¨हसा और अवैध घुसपैठ जारी है लेकिन दिल्ली में बैठे हुए लोग आज तक वहां की गंभीर स्थिति को समझ पाने में नाकाम रहे हैं। असम को जम्मू-कश्मीर से ज्यादा तवज्जो देना जरूरी हो गया है।' पार्टी ने आगे लिखा,'राज्य (असम) की विकट होती स्थिति की किसी को चिंता नहीं और न ही यहां मरने वालों की किसी को परवाह ही। जिस दिन जम्मू-कश्मीर और असम के साथ न्याय करने में भेदभाव समाप्त हो जाएगा, उस दिन असम की समस्याएं भी खत्म हो जाएंगी।'

शिवसेना ने कहा, राजनीतिक दलों ने चुनावी फायदे के लिए बांग्लादेशियों की घुसपैठ पर आंख मूंद रखी है, जिस कारण असम जैसा महत्वपूर्ण राज्य भारत के हाथों से निकलता जा रहा है। सबकी अपनी चुनावी महत्वाकांक्षाएं हैं।

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