गृहमंत्री व राष्ट्रपति से मिलीं शीला दीक्षित
तबादले की अटकलों के बीच केरल की राज्यपाल शीला दीक्षित ने सोमवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। इसके बाद जब वह राष्ट्रपति से मिलीं तो उनके इस्तीफे की अटकलें तेज हो गईं। बाद में उन्होंने खुद साफ कर दिया कि इन अटकलों में कोई दम नहीं है। इस बारे में जब कांग्रेस से पूछा गया तो पार्टी इस सवाल का जवाब टाल गई लेकिन यह जरूर कहा कि राजग सरकार राज्यपालों के संवैधानिक पदों का अपमान कर रही है।
नई दिल्ली। तबादले की अटकलों के बीच केरल की राज्यपाल शीला दीक्षित ने सोमवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। इसके बाद जब वह राष्ट्रपति से मिलीं तो उनके इस्तीफे की अटकलें तेज हो गईं। बाद में उन्होंने खुद साफ कर दिया कि इन अटकलों में कोई दम नहीं है। इस बारे में जब कांग्रेस से पूछा गया तो पार्टी इस सवाल का जवाब टाल गई लेकिन यह जरूर कहा कि राजग सरकार राज्यपालों के संवैधानिक पदों का अपमान कर रही है।
गृह मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, शीला ने राजनाथ सिंह से मुलाकात कर अपने लंबे राजनीतिक अनुभवों का हवाला दिया और केरल से तबादला नहीं करने का अनुरोध किया। इसके बाद वह राष्ट्रपति से मिलने भी गईं। बाद में उन्होंने साफ कर दिया कि फिलहाल वह इस्तीफा नहीं दे रही हैं। उन्होंने गृहमंत्री और राष्ट्रपति से मुलाकात को औपचारिक बताया। शीला दीक्षित ने कहा कि वह जब भी दिल्ली में होती हैं, राष्ट्रपति से मुलाकात जरूर करती हैं। इस्तीफे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जब वह इसका फैसला लेंगी, लोगों को पता चल जाएगा।
शीला दीक्षित के अनुरोध के बावजूद गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उन्हें मिजोरम भेजे जाने की संभावना से इन्कार नहीं कर रहे। शनिवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल के शंकर नारायणन का मिजोरम तबादला कर दिया गया था लेकिन वहां जाने के बजाय उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। जाहिर है मिजोरम में राज्यपाल का पद अब भी खाली है। इसके पहले गुजरात की राज्यपाल कमला बेनीवाल का मिजोरम तबादला किया गया था लेकिन बाद में उन्हें पद से हटा दिया गया। माना जा रहा है कि शीला दीक्षित भी मिजोरम तबादले के बाद भी राज्यपाल बने रहने के पक्ष में नहीं हैं। उनके करीबी सूत्रों की माने तो ऐसी स्थिति आने पर वह इस्तीफा देना पसंद करेंगी।
शीला दीक्षित के इस्तीफे के सवाल पर कांग्रेस प्रवक्ता शकील अहमद ने कहा, राजग सरकार राज्यपाल के संवैधानिक पद से इसी तरह से व्यवहार कर रही है। ऐसी आशंका है कि संप्रग शासन के दौरान नियुक्त किए गए अधिकांश राज्यपालों को वर्तमान सरकार हटा देगी। एक सवाल के जवाब में अहमद ने कहा कि कौन जानता है कि शीला दीक्षित कांग्रेस में शामिल होंगी या नहीं। यह उन्हें तय करना है कि वह कौन सी पार्टी में शामिल होंगी .. अब आप उन्हें कांग्रेस नेता का मार्का क्यों देना चाहते हैं। वह अभी कांग्रेस नेता नहीं राज्यपाल हैं।