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नहीं छपेंगे एक हजार के नोट, सरकार ने कयासों पर लगाया विराम

आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा एक हजार के नए नोटों को जारी करने की योजना नहीं है।

By Lalit RaiEdited By: Published: Wed, 22 Feb 2017 10:48 AM (IST)Updated: Wed, 22 Feb 2017 03:05 PM (IST)
नहीं छपेंगे एक हजार के नोट, सरकार ने कयासों पर लगाया विराम
नहीं छपेंगे एक हजार के नोट, सरकार ने कयासों पर लगाया विराम

नई दिल्ली(एएनआई)। एक हजार के नोटों को दोबारा जारी करने के कयासों पर आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने विराम लगा दिया। उन्होंने कहा कि हजार रुपये के नोटों को दोबारा जारी करने की योजना नहीं है। सरकार की प्राथमिकता 500 और उससे छोटे नोटों को छापने की है।

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आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा कि लोग अपनी जरूरतों के मुताबिक ही पैसों की निकासी करें। किसी भी शख्स द्वारा जरूरत से ज्यादा पैसों की निकासी से दूसरे लोगों को दिक्कतें आ रही हैं। एटीएम में कैश की कमी पर उन्होंने कहा कि ज्यादातर जगहों पर आ रही परेशानी को दूर कर लिया गया है। हालांकि इस बात की कोशिश की जा रही है कि दूर दराज के इलाकों में आ रही परेशानियों को दूर कर लिया जाए।

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कयासबाजी पर लगाम

इस तरह के कयास लगाए जा रहे थे कि नोटबंदी के बाद अमान्य हुए 1000 रुपये के नोटों की जगह नए नोट बाजार में आएंगे। रिपोर्ट के मुताबिक रिजर्व बैंक ने 1000 रुपये की नई करंसी की प्रिंटिंग का काम शुरू कर दिया है केंद्र सरकार के सूत्रों के मुताबिक रिजर्व बैंक की योजना 500 और 1000 रुपये की नई करंसी को एक साथ जारी करने की थी, लेकिन 8 नवंबर के बाद 2000 रुपये की करेंसी जारी होने के बाद मची अफरातफरी के बीच रिजर्व बैंक और सरकार ने 500 रुपये की करंसी को जल्दी जारी कर दिया था।

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8 नवंबर को हुआ था नोटबंदी का ऐलान

8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और हजार रुपये के नोटों को अमान्य करार दे दिया था, जिसके बाद बैंकों और एटीएम के बाहर लंबी लाइनें लग गई थीं। कैश की किल्लत से लोगों को काफी परेशानी हुई थी। नोटबंदी के चलते कई लोगों के रोजगार पर भी असर पड़ा था। दुनिया की कई रेटिंग एजेंसियों ने इसे भारत की विकास दर के लिए खतरा बताया था। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने इसे विनाशकारी करार देते हुए कहा था कि अभी और बुरा वक्त आना बाकी है। विपक्षी पार्टियों ने भी संसद में इसे लेकर नरेंद्र मोदी सरकार को घेरा था।


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