कुपोषण की निगरानी में मदद करेगा ‘शबरी पोषण कार्ड’
कवायद- गर्भवती महिलाओं व बच्चों को मिलेगा कार्ड, हर महीने कार्ड में भरी जाएगी स्वास्थ्य की प्रगति, शबरी संकल्प अभियान को चुने गए 39 जिले। शबरी पोषण कार्ड से घर-घर पहुंचेंगे सीएम योगी
लखनऊ (शोभित श्रीवास्तव)। प्रदेश सरकार अब कुपोषण की निगरानी ‘शबरी पोषण कार्ड’ से करने जा रही है। यह कार्ड प्रदेश के 39 जिलों की अति कुपोषित गर्भवती महिलाओं व बच्चों को दिया जाएगा। इस कार्ड में इनके बारे में व्यक्तिगत सूचना के साथ ही हर महीने के स्वास्थ्य की प्रगति दर्ज की जाएगी। यह कार्ड इस तरह बनाया गया है ताकि एक नजर डालते ही कुपोषित मरीज की प्रगति पता चल जाए।
दरअसल, प्रदेश सरकार ने 39 जिलों को कुपोषण मुक्त करने के लिए शबरी संकल्प अभियान शुरू किया है। यह वह जिले हैं जहां कुपोषण के मरीज सबसे अधिक हैं। सरकार इन जिलों में ऐसी गर्भवती महिलाएं व बच्चे चिह्न्ति कर रही है जो कुपोषण के शिकार हैं। इन सभी का शबरी पोषण कार्ड बनाया जाएगा। यह एक प्रकार का हेल्थ रिपोर्ट कार्ड होगा। राशन कार्ड की तर्ज पर बनने वाले इस कार्ड में मरीज की जितनी भी जांचें करवाई जाएंगी सभी का विवरण इसमें दर्ज किया जाएगा।
इस कार्ड को बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग ने डिजाइन किया है। गर्भवती महिलाओं व बच्चों के लिए अलग-अलग तरह के कार्ड बनाए जा रहे हैं। बच्चों में तीन वर्ष तक की आयु के पीली व लाल श्रेणी के कुपोषित बच्चों का यह कार्ड बनाया जाएगा। पांच साल तक उसकी लगातार जांच करवाकर उसकी प्रगति रिपोर्ट पर सरकार नजर रखेगी। कार्ड में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से लेकर सुपरवाइजर व आशा तक के मोबाइल नंबर दर्ज होंगे। किसी भी प्रकार की जानकारी मरीज इनसे प्राप्त कर सकेगा।
प्रदेश में पहली बार कुपोषित महिलाओं व बच्चों के शबरी पोषण कार्ड बनाए जाने की तैयारी है। इनमें बहुत सी उपयोगी जानकारियां भी प्रकाशित की जा रही हैं। साथ ही हर महीने के स्वास्थ्य की प्रगति भी इसमें दर्ज की जाएगी। प्रदेश को कुपोषण मुक्त करने के लिए शबरी संकल्प अभियान में सभी विभागों का सहयोग लिया जा रहा है।
अनीता सी मेश्रम, सचिव, महिला एवं बाल विकासप्रदेश के 46 प्रतिशत बच्चे कुपोषण का शिकार1नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 के अनुसार प्रदेश के 46 प्रतिशत बच्चे कुपोषण का शिकार हैं। यह अपनी उम्र के अनुसार लंबाई व वजन में कम हैं। इसका कारण अच्छा खान-पान न मिलना है। पांच साल तक के बच्चों में 63 फीसद में खून की कमी मिली है। सर्वे के अनुसार देश का हर चौथा कुपोषित बच्चा यूपी का है। जबकि खून की कमी वाली देश की हर दूसरी महिला व युवती यूपी की है। स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रदेश में 52 प्रतिशत महिलाएं खून की कमी यानी एनीमिया से पीड़ित हैं।
इन जिलों में मिलेगा लाभ : मैनपुरी, अलीगढ़, एटा, कासगंज, फतेहपुर, कौशाम्बी, बदायूं, पीलीभीत, शाहजहांपुर, बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर, बाराबंकी, फिरोजाबाद, बहराइच, बलरामपुर, गोण्डा, श्रवस्ती, आजमगढ़, महराजगंज, कुशीनगर, बस्ती, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, इटावा, फरूखाबाद, कन्नौज, कानपुर देहात, हरदोई, लखीमपुर खीरी, रायबरेली, सीतापुर, बुलंदशहर, भदोही, मिर्जापुर, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर व गोरखपुर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शबरी पोषण कार्ड के जरिये घर-घर तक पहुंचने की तैयारी कर ली है। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार ने इस कार्ड के कवर पेज पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व विभागीय मंत्री अनुपमा जायसवाल की फोटो लगाई है। कार्ड में ऊपर की तरह दाई तरफ योगी की तस्वीर है जबकि बाई तरफ अनुपमा की फोटो चस्पा है। सरकार की यह कोशिश है कि इस योजना के जरिये वह प्रदेश के दूरस्थ व पिछड़े गांव के घर-घर तक पहुंच जाएं। अब महिलाओं व बच्चों को पोषाहार भी इसी कार्ड में दर्ज कर दिया जाएगा। साथ ही हर बार जांच कराने के दौरान यह कार्ड साथ रखना होगा। इस कार्ड में गर्भवती महिलाओं व बच्चों से जुड़ी कई उपयोगी जानकारियां भी प्रकाशित की गई हैं।
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