घटनास्थल पर पहुंचे शिवराज सिंह चौहान ने कहा 'ऐसा लगता है बादल फटा हो'
मध्य प्रदेश के हरदा में हुए रेल हादसे को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि घटनास्थल पर राज्य प्रशासन पर व रेल प्रशासन दोनों मिलकर राहत व बचाव कार्य कर रहे हैं। इससे पहले शिवराज ने लोगों में विश्वास बहाल करने के लिए ट्रेन से सफर किया।
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के हरदा में हुए रेल हादसे को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि घटनास्थल पर राज्य प्रशासन पर व रेल प्रशासन दोनों मिलकर राहत व बचाव कार्य कर रहे हैं। इससे पहले शिवराज ने लोगों में विश्वास बहाल करने के लिए ट्रेन से सफर किया। मुख्यमंत्री ने घटनास्थल पर पहुंचकर मुआयना किया। मौके पर निरीक्षण के बाद चौहान ने कहा कि घटनास्थल पर पानी की मात्रा देखकर एसा लगता है कि बादल फटा हो। उन्होंने कहा कि हादसे का यह भी एक कारण हो सकता है।
इस हादसे में मरने वालों की संख्या 37 हो गई है। वहीं घायलों की संख्या 25 हो गई है। जानकारी के मुताबिक मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। बता दें कि हादसे के बाद सुबह नौ बजे तक राहत व बचाव कार्य चला। केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु हादसे के बाद पल-पल की रिपोर्ट लेते रहे। रेलवे ने हादसे में मारे गए लोगों व घायलों के लिए मुआवजे का भी एलान कर दिया है। रेलवे ने मृतकों के परिजनों को दो लाख, घायलों को 50 हजार और सामान्य घायलों को 25 हजार रुपये मुआवजा देने का एलान किया है।
हादसे के बाद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर दुख व्यक्त किया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सुबह तकरीबन साढ़े नौ बजे मौके पर पहुंचे और घटना स्थल का जायजा लिया। हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए कहा है कि घटना स्थल पर हर मेडिकल सुविधा मुहैया कराई जा रही है। हादसे पर केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु आज संसद में बयान देंगे। पीआरओ अनिल सक्सेना ने बताया कि सेंट्रल जोन के रेलवे कमिश्नर सेफ्टी हादसे की जांच करेंगे।
रेल हादसे के बाद सुरेश प्रभु की दूरदर्शिता पर उठा प्रश्न
कुदरत की मार और 10 मिनट मे तबाह हो गया सब कुछ
10 मिनट पहले तक सबकुछ सामान्य था। किसी ने भी इस भयावह हादसे की कल्पना तक नहीं की थी और तभी माचक नदी में पानी उफनाया और कई जिंदगी मौत की नींद सो गईं। भारी बारिश के चलते माचक नदी में पानी अचानक कई फुट बढ़ गया और नदी पर बना रेलवे पुल धंस गया और मुंबई से वाराणसी जा रही कामायनी एक्सप्रेस और जबलपुर से मुंबई जा रही जनता एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गई। पुलिया से गुजरते वक्त कामायनी के 11 और जनता एक्सप्रेस के पांच डिब्बे व इंजन पुलिया धंसने से नदी में गिर गए। इन बोगियों में चार सौ से अधिक यात्री सवार थे। फ्लैश फ्लड के बाद पुलिया धंसने की वजह से हुए हादसे की पुष्टि पीआरओ अनिल सक्सेना ने की है। उन्होंने बताया कि दोनों ही ट्रेनें छोटी पुलिया पर पटरी से उतरीं हैं।
हादसे के बाद वहां मौजूद लोगों के अनुसार करीब दो सौ लोगों को निकाला गया है। एक ही कोच के 11 लोगों के शव निकाले गए। बारिश के चलते राहत-बचाव कार्य में परेशानी आती रही।
हादसे की वजह से 35 ट्रेनों के रूट बदले गए हैं। सेंट्रल रेलवे के अनुसार, कामायनी एक्सप्रेस के एस1 से एस11 के बीच के सभी डिब्बे, जबकि जनता एक्सप्रेस के पांच डिब्बे पटरी से उतरे। किरण रिजिजू के मुताबिक, हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। सुबह तकरीबन नौ बजे तक रेलवे और एनडीआरएफ के जवान राहत कार्य में जुटे रहे।
हरदा कलेक्टर ने बताया कि हादसे की खबर मिलते ही मेडिकल और बचावकर्मियों की टीम मौके पर भेज दी गई थी। मंडलायुक्त, होशंगाबाद वीके बाथम ने कहा कि भारी बारिश के कारण इस छोटे पुल पर अचानक ज्यादा पानी आने से ट्रैक के नीचे की मिट्टी बह गई, जिससे यह दुर्घटना हुई।
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कामायनी एक्सप्रेस के जनरल कोच में सवार यात्री जीतू राजाणी रांवेर ने बताया कि अचानक तेज धमाके के साथ ट्रेन के डिब्बे पटरी से उतरे। इसके बाद भुसावल-इटारसी ट्रैक जाम हो गया। खंडवा से रात 10 बजे कामायनी एक्सप्रेस रवाना हुई थी।
भोपाल से 160 किमी दूर स्थित हरदा स्टेशन खंडवा व इटारसी के बीच में पड़ता है। खंडवा के कलेक्टर महेश अग्रवाल, एसपी महेंद्र सिंह सिकरवार, सिविल सर्जन ओपी जुगतावत सहित कई अधिकारी स्टेशन पहुंचे और घटनाक्रम की जानकारी लेत रहे। बाढ़ से बचाव के लिए लाइफ जैकेट के साथ होमगार्ड की टीमें भी मौके पर भेजी गईं थी।
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करंट लगने से हुई दो की मौत
सूत्रों के मुताबिक, हादसे की शिकार जनता एक्सप्रेस की बोगी से निकलने के प्रयास में दो लोगों की करंट लगने से मौत हो गई। भोपाल से एनडीआरएफ और महू से सेना की बटालियन भी मौके पर पहुंची।
अंधेरा और पानी होने से रेस्क्यू में आती रही बाधा
हरदा कलेक्टर रजनीश श्रीवास्तव ने बताया कि कामायनी एक्सप्रेस के 5 डिब्बे पानी में डूबे हुए थे। रात के वक्त अंधेरा और पानी ज्यादा होने से रेस्क्यू में दिक्कत आ रही। प्रकाश की व्यवस्था होने के बाद बचाव कार्य में तेजी आ सकी।
सुबह नौ बजे तक चला बचाव कार्य
हादसे के बारे में रेलवे के पीआरओ अनिल सक्सेना ने बताया कि मुंबई की ओर से आ रही कामायनी एक्सप्रेस के 5 कोच और हरदा की ओर से आ रही जनता एक्सप्रेस के इंजन व दो कोच माचक नदी का पुल क्षतिग्रस्त होने के कारण पलट गए। पीआरओ ने सुबह तकरीबन नौ बजे ट्वीट कर जानकारी दी कि बचाव व राहत कार्य संपन्न हो गया है।
रेलेवे आयुक्त सेफ्टी करेंगे जांच
रेल हादसे की जांच रेलेवे आयुक्त सेफ्टी (सेंट्रल सर्किल) करेंगे। बता दें कि हादसे के कुछ ही देर बाद रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने हादसे के जांच के आदेश दिए थे। यह जानकारी पीआरओ अनिल सक्सेना ने ट्वीट कर दी है।
हेल्पलाइन नंबरः
हरदाः 9752460088
वाराणसीः 9794845312, 0542 2504221
मुंबईः 022-5280005
भोपालः 07554061609
बीनाः 075802222
इटारसीः 0758422419200
पटनाः 83288
राजेन्द्रनगरः 83184
पटना स्टेशन का टेलीफोन नंबरः 0612-2206967
दानापुर स्टेशन का टेलीफोन नंबरः 06115-232398
इन ट्रेनों के बदले गए रूट
वाया भुसावल-सूरत-बैरागढ़-निशातपुरा
- कोल्हापुर- हजरत निजामुद्दीन एक्सप्रेस वाया भुसावल-सूरत
- पुणे- जम्मूतवी झेलम एक्सप्रेस
- सीएसटी- फिरोजपुर पंजाब मेल
- एलटीटी- गोरखपुर कुशीनगर एक्सप्रेस
- सीएसटी- अमृतसर एक्सप्रेस वाया जलगांव, भोपाल
- एर्नाकुलम- हजरत निजामुद्दीन मंगला एक्स्प्रेस
वाया भुसावल-नागपुर-इटारसी
- सीएसटी- हावड मेल वाया इलाहाबाद
- एलटीटी- राजेंद्रनगर एक्सप्रेस
- सीएसटी- वाराणसी महानगरी एक्स्प्रेस
वाया इटारसी-नागपुर-भुसावल
- जम्मू तवी- पुणे झेलम एक्सप्रेस
- राजेंद्रनगर- एलटीटी एक्सप्रेस
वाया भोपाल, नादियाड़, भुसावल
- गोरखपुर- सीएसटी एक्सप्रेस
वाया निशातपुरा- बैरागढ़- जलगांव
- अमृतसर- हजुर साहेब नांदेड एक्सप्रेस
वाया निशातपुरा-बैरागढ़-वसाई रोड
- हजरत निजामुद्दीन- वास्को एक्सप्रेस
रेल मंत्री सुरेश प्रभु के ट्वीटः
रात 1.16 बजे पहला ट्वीट- रेल प्रशासन और मप्र सरकार यात्रियों के बचाव का काम कर रही हैं। रेल डीजीएम, डीआरएम और आरपीएफ स्टाफ, मेडकल स्टाफ को मौके पर जाने को कहा है।
दूसरा ट्वीट रात 1.21 बजेः आपातकालीन सहायता दल और मेडिकल टीम मौके के लिए रवाना, अंधेरे और भारी पानी के कारण बचाव कार्य में दिक्कतें...सभी संभावित सहायता करने के निर्देश दिए हैं।
तीसरा ट्वीट 1.22 बजेः दोनों ट्रेनों को वापस लाने की कोशिश जारी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरदा ट्रेन हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने हादसे में मारे गए लोगों के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया है कि, दो ट्रेनों का पटरी से उतरना बहुत दुख की बात है।
नदी में कब और कहां गिरी ट्रेनः
23 मई, 2015 : असम के कोकराझार में चंपावती नदी में सिफुंग पैसेंजर के डिब्बे गिरे, 38 घायल।
29 जून, 2005 : सिकंदराबाद पैसेंजर के डिब्बे आंध्र प्रदेश के नलगोंडा में मूसी नदी में गिरे, 100 लोगों की मौत।
22 जून, 2001 : मंगलोर-चेन्नई मेल के चार डिब्बे कडालुंडी नदी में गिरे, 57 की मौत।
14 सितंबर, 1997 : बिलासपुर के पास अहमदबाद-हावड़ा एक्सप्रेस के डिब्बे नदी में गिरे, 81 की मौत।