डीयू की तीसरी कटऑफ लिस्ट जारी, कई कालेज में एडमिशन बंद
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कई कॉलेजों ने तीसरी कटऑफ में गिरावट की है। हालांकि सीटें भर जाने से ¨हदू कॉलेज, श्रीराम कॉलेज ऑफ कामर्स (एसआरसीसी), रामजस, आइपी और गार्गी कॉलेज ने तीसरी कटऑफ सूची नहीं निकाली है। किरोड़ीमल कॉलेज ने बीकॉम में 95.75 और कॉमर्स ऑनर्स में 96.50 और इतिहास ऑनर्स में 90.50-95.50 के बीच कटऑफ रखी है।
नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कई कॉलेजों ने तीसरी कटऑफ में गिरावट की है। हालांकि सीटें भर जाने से ¨हदू कॉलेज, श्रीराम कॉलेज ऑफ कामर्स (एसआरसीसी), रामजस, आइपी और गार्गी कॉलेज ने तीसरी कटऑफ सूची नहीं निकाली है। किरोड़ीमल कॉलेज ने बीकॉम में 95.75 और कॉमर्स ऑनर्स में 96.50 और इतिहास ऑनर्स में 90.50-95.50 के बीच कटऑफ रखी है।
नार्थ कैंपस के एसजीटीबी खालसा में बीए, बीकॉम, कॉमर्स ऑनर्स, इंग्लिश ऑनर्स तथा फिजिक्स में तथा हंसराज में सभी विषयों में सीटें खाली हैं, फिर भी कटऑफ में मामूली कमी की है। मिरांडा हाउस कॉलेज में बीए, इंग्लिश ऑनर्स, हिस्ट्री ऑनर्स और कैमेस्ट्री ऑनर्स में सीटें उपलब्ध हैं। कमला नेहरू कॉलेज में भी बीए, इकोनॉमिक्स ऑनर्स और सोशियोलॉजी ऑनर्स में सीटें हैं।
आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज, दीन दयाल उपाध्याय, केशव महाविद्यालय, ¨हदू कॉलेज, लक्ष्मीबाई, मोतीलाल नेहरू, पीजीडीएवी, रामजस कॉलेज सहित कई कॉलेजों में कला और कॉमर्स में सामान्य के लिए दाखिले बंद हो गए हैं। कई कॉलेजों ने सामान्य की सीटें बंद करने के बाद एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग में कटऑफ में मामूली अंतर किया है।
साइंस की कटऑफ में ज्यादा गिरावट नहीं आई है। कई कॉलेजों में इसमें भी सामान्य वर्ग की सीटें भर गई हैं। लक्ष्मीबाई कॉलेज में बीएससी सामान्य, गणित तथा लेडी इरविन कॉलेज में सामान्य वर्ग में सीटें नहीं बची हैं।
¨हदू कॉलेज में एक्स्ट्रा करिकुलम एक्टिविटीज (ईसीए) कोटे से दाखिले का मामला लटक गया है। प्रबंध समिति के चेयरमैन द्वारा लगाई गई रोक की वजह से सोमवार को इस कोटे के तहत दाखिले के लिए होने वाला अभ्यास भी रोक दिया गया। वहीं, उन छात्रों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा जो स्पोर्ट्स कोटे से दाखिले के लिए आए थे। क्योंकि अभी इसका निर्धारण ही नहीं हुआ है कि स्पोर्ट्स कोटे से कितनी सीटें भरी जाएंगी। चेयरमैन और डीयू प्रशासन के बीच जारी खींचतान को देखते हुए कार्यकारी प्रिंसिपल डॉ. प्रद्युम्न कुमार ने विश्वविद्यालय को पत्र लिखा है।