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गांव डूब में आए तो तीन कमरों में लगवा दिए सात स्कूल

मुआवजा मिलने के बाद ग्रामीणों ने तो अपने-अपने मकान बना लिए। लेकिन शिक्षा विभाग स्कूल भवन नहीं बनवा पाया।

By Tilak RajEdited By: Published: Mon, 26 Jun 2017 10:07 AM (IST)Updated: Mon, 26 Jun 2017 10:07 AM (IST)
गांव डूब में आए तो तीन कमरों में लगवा दिए सात स्कूल
गांव डूब में आए तो तीन कमरों में लगवा दिए सात स्कूल

राजगढ़, नईदुनिया। तीन कमरों के भवन में सात सरकारी स्कूल, सुन कर आप चौंक जाएंगे, लेकिन यह बिल्कुल सच है। एक छोटे से भवन में पांच प्राइमरी और दो मिडिल स्कूल लगाना शिक्षा विभाग की मजबूरी है। मोहनपुरा सिंचाई परियोजना से सात स्कूल भी डूब में आ रहे हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने समय पर ध्यान नहीं दिया और समय रहते इन स्कूलों के नए भवन नहीं बना पाए।

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अब आनन-फानन में इन सातों स्कूलों को नए शिक्षा सत्र में पाटन रोड पर मोहनपुरा नाम से बसाई गई कॉलोनी के तीन कमरों के भवन में लगाया जा रहा है। हालात यह हैं कि इन स्कूलों के 112 बच्चों और 15 शिक्षकों को बैठने तक की जगह नहीं है। नियमानुसार इतने स्कूलों के लिए 41 कमरे होने चाहिए। मजबूरी में जो स्कूल मोहनपुरा में लग रहे हैं उनमें पांच प्राइमरी स्कूल कराडि़या, गोपालपुरा, नलंखेड़ा, मांजरीखो और घोघिड़याकलां शामिल हैं। वहीं दो मिडिल स्कूल कराडि़या और गोपालपुरा भी यहीं लग रहे हैं।

बच्चे हो रहे परेशान
जलसंसाधन विभाग करीब दो साल से शिक्षा विभाग को चेता रहा था कि गांव डूब में आएंगे और ये स्कूल भी डूब जाएंगे। ग्रामीणों को मुआवजा भी दिया जा चुका है। मुआवजा मिलने के बाद ग्रामीणों ने तो अपने-अपने मकान बना लिए। लेकिन शिक्षा विभाग स्कूल भवन नहीं बनवा पाया। शिक्षा विभाग ने नए स्कूल भवन के लिए अभी शासन से पैसा तक नहीं मांगा है।

भेजा है प्रस्ताव
फिलहाल वैकल्पिक व्यवस्था की है। सभी गांवों के सभी बच्चे यहां नहीं आए हैं। अलग-अलग गांवों के कुछ परिवार बसे हैं। आगे अलग-अलग गांवों के बच्चों को एक-एक क्लास में बैठाएंगे। भवनों की व्यवस्था के लिए प्रस्ताव डीईओ ने कलेक्टर को भेज दिया है।

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