सात की बजाय 60 घंटे में दिल्ली पहुंचा एयर इंडिया का विमान
कोहरे की मार से सिर्फ रेल यात्री ही पीड़ित नहीं हैं, हवाई यात्रा करने वालों को भी परेशानी से दो-चार होना पड़ रहा है। मिलान से सीधे दिल्ली पहुंचने वाला एयर इंडिया (उड़ान संख्या एआइ-122) का विमान सात घंटे की बजाय 60 घंटे से ज्यादा समय के बाद गंतव्य तक
नेहा त्रिपाठी (मिड डे), मुंबई। कोहरे की मार से सिर्फ रेल यात्री ही पीड़ित नहीं हैं, हवाई यात्रा करने वालों को भी परेशानी से दो-चार होना पड़ रहा है। मिलान से सीधे दिल्ली पहुंचने वाला एयर इंडिया (उड़ान संख्या एआइ-122) का विमान सात घंटे की बजाय 60 घंटे से ज्यादा समय के बाद गंतव्य तक पहुंचा। इस विमान में 259 यात्री सवार थे।
जानकारी के मुताबिक, मिलान से रोम होते हुए दिल्ली पहुंचने वाले एयर इंडिया के विमान को 22 दिसंबर को उड़ान भरना था, लेकिन उसे रद कर दिया गया। उड़ान संख्या एआइ-122 के साथ विमान ने 23 दिसंबर को मिलान से उड़ान भरी। यात्री क्षितिज श्रीवास्तव ने बताया कि खराब मौसम की वजह से यात्रा में एक दिन की देरी हो चुकी थी।
ऐसे में अधिकारियों ने बताया कि अब यह विमान रोम में लैंड नहीं करेगा, सीधे दिल्ली के लिए जाएगा। मिलान में ट्रांसपोर्टेशन डिजाइन की पढ़ाई करने वाले एक अन्य यात्री नितेश वर्मा के मुताबिक रोम न जाने की वजह से दिल्ली की दूरी सात घंटे में तय (वैसे 11.50 घंटे में) होनी थी। बहरहाल, विमान ने भारतीय समय के अनुसार 23 दिसंबर को आधी रात के बाद 12.30 बजे उड़ान भरा।
वर्मा ने बताया कि जब वह तकरीबन दिल्ली पहुंच चुके थे तब उन्हें जानकारी दी गई कि कोहरे की वजह से विमान दिल्ली के इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पर लैंड नहीं कर सकेगा, लिहाजा उसे मुंबई लाया जा रहा है। 24 दिसंबर को यात्रियों को बताया कि विमान देर शाम आठ बजे उड़ान भरेगा। हालांकि, विमान को तकरीबन साढ़े नौ बजे रात को रवाना किया गया।
इस बार भी दिल्ली के करीब आने के बाद बताया गया कि विमान को यहां लैंड नहीं कराया जा सकता। यात्रियों को फिर से आधी रात के बाद तकरीबन एक बजे मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल-2 पर लाया गया। आखिरकार एयर इंडिया के इस विमान को गुरुवार 25 दिसंबर को सुबह 11.10 बजे रवाना किया गया, जो दोपहर बाद तकरीबन डेढ़ बजे दिल्ली पहुंचा।
सुरक्षा का दिया हवालाः
एयर इंडिया के प्रवक्ता ने बताया कि कोहरे की वजह से दिल्ली में दृश्यता काफी कम थी। सुरक्षा कारणों से विमान को इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पर लैंड नहीं कराया जा सकता था। देरी के बजाय यात्रियों की सुरक्षा को वरीयता दी गई।