सात कंपनियां हिस्सा लेंगी स्पेक्ट्रम नीलामी में
रिलायंस जियो देश के किसी भी सर्किल में स्पेक्ट्रम के लिए नीलामी में हिस्सा ले सकेगी। जबकि रिलायंस कम्युनिकेशंस पूर्वोत्तर और असम को छोड़कर किसी भी सर्किल में हिस्सा ले सकेगी।
नई दिल्ली, आइएएनएस। आगामी एक अक्टूबर से शुरू होने वाली अब तक की सबसे बड़ी स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए सात टेलीकॉम कंपनियों ने पहली बाधा पार कर ली है। दूरसंचार विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार ये सात कंपनियां नीलामी में भाग लेने के योग्य पाई गई हैं।
रिलायंस जियो देश के किसी भी सर्किल में स्पेक्ट्रम के लिए नीलामी में हिस्सा ले सकेगी। जबकि रिलायंस कम्युनिकेशंस पूर्वोत्तर और असम को छोड़कर किसी भी सर्किल में हिस्सा ले सकेगी। जियो ने नीलामी में हिस्सा लेने के लिए सबसे ज्यादा 6500 करोड़ रुपये जमानत राशि अदा की है। इसके आधार पर उसे सबसे ज्यादा योग्यता प्वाइंट 44506 आवंटित किये गये हैं।
इस नीलामी में कुल 2354.55 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम बेचा जायेगा। रिजर्व प्राइस के आधार पर इससे सरकार को 5.66 लाख करोड़ रुपये राजस्व मिलने की संभावना है। इस बार की नीलामी के लिए आवंटित किये गये 2300 मेगाहर्ट्ज से ज्यादा स्पेक्ट्रम सात बैंडों में मिलेगा। ये स्पेक्ट्रम 700, 800, 900, 1800, 2100, 2100, 2300 और 2500 मेगाहर्ट्ज बैंड में मिलेगा। पिछली नीलामी में सरकार ने 470.75 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम बेचा था।
नीलामी कार्यक्रम के अनुसार मॉक ऑक्शन का आयोजन 26 और 27 अक्टूबर को होगा, जिस दौरान नीलामी प्रक्रिया सुचारु होना सुनिश्चित होगा। इसके बाद वास्तविक नीलामी एक अक्टूबर से शुरू होगी। सरकार ने 20 साल तक स्पेक्ट्रम इस्तेमाल करने का अधिकार देने का फैसला किया है। टेलीकॉम कंपनियों को स्पेक्ट्रम का भुगतान एकमुश्त या किस्तों में करने का विकल्प दिया गया है। जो कंपनियां नीलामी एक गीगाहर्ट्ज से कम स्पेक्ट्रम हासिल करेंगी, उन्हें शुरुआत में 25 फीसद भुगतान करना होगा। इससे ज्यादा स्पेक्ट्रम हासिल करने वाली कंपनियों को 50 फीसद भुगतान शुरू में ही करना होगा।
सरकार ने इस बार कंपनियों की सुविधा के लिए एक और कदम उठाया है। इस बार नीलामी में हासिल किया गया स्पेक्ट्रम भुगतान करने के तीस दिन के भीतर आवंटित कर दिया जाएगा। शुरुआती भुगतान के बाद बकाया भुगतान पर ब्याज बेस रेट पर लगेगा। इस साल ब्याज दर 9.3 फीसद होगा। वर्ष 2015 में बेस रेट 10 फीसद था। नीलामी में सफल कंपनियों की इक्विटी बिक्री के लिए लॉक-इन पीरियड तीन साल से घटाकर एक साल कर दिया गया है। हालांकि कोई भी कंपनी स्पेक्ट्रम के उपयोग की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही इक्विटी बेच सकेगी।
सात कंपनियां हिस्सा लेंगी स्पेक्ट्रम नीलामी में शामिल कंपनियां
- भारती एयरटेल
- वोडोफोन इंडिया
- रिलायंस जियो इन्फोकॉम
- रिलायंस कम्युनिकेशंस
- आइडिया सेल्युलर
- एयरसेल
- टाटा टेलीसर्विसेज
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