गिरफ्तार होने से बचीं केंद्रीय मंत्री उमा भारती, वारंट पर सेशन कोर्ट ने लगाई रोक
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह से जुड़े एक मानहानि के केस में केंद्रीय मंत्री उमा भारती के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट पर सत्र न्यायालय ने रोक लगा दी है।
भोपाल (जेएनएन)। एक नाटकीय घटनाक्रम के तहत में केंद्रीय मंत्री उमा भारती के खिलाफ सीजेएम कोर्ट की ओर से जारी गिरफ्तारी वारंट पर सत्र न्यायालय ने रोक लगा दी है। गुरुवार सुबह को कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह से जुड़े मानहानि के एक मामले की सुनवाई के दौरान सीजेएम भास्कर यादव ने उमा की अर्जी को खारिज कर दिया। साथ ही गिरफ्तारी वारंट भी जारी कर दिया था।
कोर्ट के आदेश से अफरा-तफरी का माहौल बन गया। उमा भारती के वकील हरीश मेहता ने आनन-फानन में सेशन कोर्ट से सीजेएम के आदेश पर रोक लगाने की गुहार लगाई। विशेष जज राम कुमार चौबे की अदालत ने केंद्रीय मंत्री को राहत दे दी। मेहता ने सेशन कोर्ट को बताया कि इस मामले की सुनवाई पिछले 13 वर्षो से जारी है।
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सीजेएम ने उमा को उपस्थित होकर बयान दर्ज कराने का निर्देश दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार केंद्रीय जल संसाधन मंत्री जरूरी बैठक में व्यस्त हैं। ऐसे में वह पेश नहीं हो सकीं। इन परिस्थितियों में बचाव पक्ष के वकील की उपस्थिति को मानते हुए आगे की कार्यवाही की जा सकती है। सेशन कोर्ट ने उनकी दलीलों से सहमति जताई और सीजेएम के आदेश पर रोक लगा दी।
उमा भारती ने वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर 15 हजार करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। इसके बाद कांग्रेस नेता ने उमा के खिलाफ आपराधिक मानहानि मुकदमा दायर किया था।
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