भूमि विधेयक पर शिवसेना ने विपक्ष से हाथ मिलाया
केंद्र में भाजपा के साथ सरकार में शामिल शिवसेना ने भूमि अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ साझी रणनीति तय करने के लिए विपक्षी खेमे से हाथ मिला लिया है।
नई दिल्ली। केंद्र में भाजपा के साथ सरकार में शामिल शिवसेना ने भूमि अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ साझी रणनीति तय करने के लिए विपक्षी खेमे से हाथ मिला लिया है। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के घर पर मंगलवार को भूमि विधेयक में सरकार द्वारा किए जा रहे संशोधनों के खिलाफ रणनीति बनाने के लिए विपक्षी दलों की बैठक हुई। इसमें कांग्रेस के केवी थॉमस, तृणमूल के कल्याण बनर्जी और माकपा के मुहम्मद सलीम के साथ-साथ शिवसेना के आनंदराव अडसुल ने भी भाग लिया।
राज्यसभा में बहुमत न होने के चलते सरकार इस विधेयक को अब तक संसद से पारित कराने में नाकाम रही है। विपक्षी दलों के विरोध को देखते हुए सरकार ने संशोधन विधेयक को संसद की स्थायी समिति के पास भेज दिया है। 2013 के कानून में संशोधन का जोरों से विरोध कर रही कांग्रेस ने मंगलवार को ही अपना सुझाव संसदीय समिति के पास भेज दिया। इसमें इसने प्रस्तावित संशोधनों का विरोध करते हुए समान मुआवजे की मांग की है। इसके साथ ही कांग्रेस अन्य विपक्षी दलों को भी लामबंद करने का प्रयास कर रही है।
विपक्ष की साझी रणनीति तय करने के लिए ही पवार के घर पर बैठक का आयोजन किया गया था। इसमें कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और माकपा ने स्पष्ट कर दिया कि वह भूमि विधेयक को पूरी तरह वापस लेने के पक्ष में है। बीजद और तृणमूल कांग्रेस पहले ही संसदीय समिति से विधेयक को पूरी तरह वापस लेने की मांग कर चुके हैं। शिवसेना हालांकि बिल को वापस लेने की मांग नहीं कर रही है, लेकिन इसके कई प्रावधानों पर इसे आपत्ति है। भाजपा सांसद एसएस अहलुवालिया की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने सोमवार को ही रिपोर्ट सौंपने के लिए पांच अगस्त तक का समय मांगने का फैसला किया था। इससे पहले इसे तीन अगस्त तक रिपोर्ट देने को कहा गया था।