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सिवान जेल से शहाबुद्दीन की सेल्फी वायरल, जेल प्रशासन ने किया FIR

मोहम्मद शहाबुद्दीन की सेल्फी के विवाद के बाद उनपर एफआइआर की गई। लेकिन, सिवान जेल की सुरक्षा व्यवस्था की मानें तो वह भगवान के ही भरोसे है, तभी तो वहां अपराधी सेल्फी ले पाते हैं।

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 18 Jan 2017 10:27 AM (IST)Updated: Wed, 18 Jan 2017 09:26 PM (IST)
सिवान जेल से शहाबुद्दीन की सेल्फी वायरल, जेल प्रशासन ने किया FIR
सिवान जेल से शहाबुद्दीन की सेल्फी वायरल, जेल प्रशासन ने किया FIR

पटना [जेएनएन]। जिस जेल में मोहम्मद शहाबुद्दीन बंद हैं उस सीवान मंडलकारा की सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे है। अभी हाल-फिलहाल जेल के भीतर से शहाबुद्दीन की सेल्फी वायरल हुई जिसमें शहाबुद्दीन खुद मोबाइल हाथ में लेकर अपनी तस्वीर क्लिक करते दिखाई दिए थे, जिसे लेकर जेल प्रशासन ने उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराया है।

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अब सेल्फी वायरल होने के बाद जेल प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं, इसकी जांच के भी आदेश दे दिए गए हैं और फोटो वायरल होने के सात-आठ दिनों बाद जेल प्रशासन ने एफआइआर कराया है।

इतना ही नहीं सिवान जेल के अंदर से माफिया सरगना गिरोह का संचालन कर रहे हैं। जेल के अंदर से अपराधी मोबाइल का उपयोग कर रहे हैं और अपराधी रंगदारी मांगते हैं। अपने आका के आदेश पर बाहर उनके गुर्गे किसी की भी हत्या कर देते हैं।

सूत्रों की मानें तो अपराधियों पर नजर रखने वाली अधिकांश सीसीटीवी कैमरे पहले ही खराब हो चुके हैं। उधर जेल प्रशासन का दावा है कि सीवान जेल की सुरक्षा चाक-चौबंद है। करीब डेढ़ दर्जन सीसीटीवी कैमरों से पूरे जेल की निगरानी होती है। इन कैमरों की मदद से जेल की हर छोटी-बड़ी गतिविधि पर निगाह रखी जाती है।

यह भी पढ़ें: बिहार के 'डॉन' की सेल्फी पर सियासत शुरु, तेजी से वायरल हुआ फोटो मगर, अब सच्चाई कुछ और ही है। सूत्रों की माने तो जेल सुरक्षा में लगे अधिकांश कैमरे पिछले कई साल से खराब है। इसके कारण जेल में होने वाली आपराधिक गतिविधियों पर किसी की नजर नहीं है।

मुलाकातियों का लिखित है रिकार्ड

बंदियों से कौन मुलाकात करने आता है इसका रिकार्ड जेल प्रशासन के पास केवल लिखित रूप से उपलब्ध है। अधिक सीसीटीवी खराब होने से जेल के अंदर खाने-पीने की वस्तु के साथ मोबाइल फोन और नशीला पदार्थ आसानी से पहुंच जाता है।

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धड़ल्ले से होता है मोबाइल का उपयोग

जेल परिसर में कर्मचारियों के साथ ही अधिकारियों के भी मोबाइल प्रयोग करने पर प्रतिबंध है। मगर सीवान जेल प्रशासन की कथित पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था को भेदते हुए जेल के अंदर आसानी से मोबाइल पहुंच रहा है और जैमर न होने से उसका धड़ल्ले से उपयोग भी हो रहा है। पुलिस टीम जब भी छापेमारी करती है, चार-पांच से लेकर एक दर्जन मोबाइल फोन बरामद होता है।

हाल ही में मो. शहाबुद्दीन पर हुई है एफआइआर

हाल में ही जेल सुपरीटेंडेंट विधु कुमार भारद्वाज ने सोशल मीडिया पर जेल के अन्दर की एक फोटो वायरल होने के मामले में मुफस्सिल थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है। दर्ज करायी गई प्राथमिकी में जेल अधीक्षक ने राजद के पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन और सोशल मीडिया पर फोटो प्रसारित करते वाले एक अन्य व्यक्ति को नामजद किया गया है। इसी तरह का एक अन्य मामला मुफस्सिल थाना में 6 जनवरी 2017 को भी जेल अधीक्षक ने दर्ज करवाया था।


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