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रेल हादसे में आइएसआइ के हाथ से सकते में सुरक्षा एजेंसियां

मोतिहारी पुलिस के पर्दाफाश के बाद अब देश की सभी आतंकरोधी एजेंसियां इसकी पड़ताल में जुट गई हैं और उनके अधिकारी मोतिहारी पहुंच गए हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 19 Jan 2017 12:09 AM (IST)Updated: Thu, 19 Jan 2017 01:21 AM (IST)
रेल हादसे में आइएसआइ के हाथ से सकते में सुरक्षा एजेंसियां
रेल हादसे में आइएसआइ के हाथ से सकते में सुरक्षा एजेंसियां

नीलू रंजन, नई दिल्ली। कानपुर रेल हादसे के पीछे पाक खुफिया एजेंसी आइएसआइ का हाथ होने के राजफाश से देश की सुरक्षा एजेंसियां सकते में हैं। इंडियन मुजाहिदीन, अलकायदा, आइएस जैसे आतंकी संगठनों की गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण करने में सफल रहीं एजेंसियों को आइएसआइ के इस कारनामे की कोई भनक तक नहीं थी। मोतिहारी पुलिस के पर्दाफाश के बाद अब देश की सभी आतंकरोधी एजेंसियां इसकी पड़ताल में जुट गई हैं और उनके अधिकारी मोतिहारी पहुंच गए हैं। यहां तक कि रॉ को दुबई और नेपाल में आइएसआइ की गतिविधियों पर खुफिया रिपोर्ट देने को कह दिया गया है।

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सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्वीकार कि वह अब तक इस बात से हैरान हैं कि डेढ़ सौ लोगों की जान लेने वाले ट्रेन हादसे को आइएसआइ ने अपराधियों की मदद से अंजाम दिया था। लेकिन मोतिहारी पुलिस का काम इतना पुख्ता है कि उस पर अविश्वास नहीं किया जा सकता है। सच्चाई की तह तक पहुंचने और आइएसआइ की नई चाल का पता लगाने के लिए रॉ और खुफिया ब्यूरो के अधिकारियों को मोतिहारी भेजा गया है। गृह मंत्रालय ने भी आतंकी वारदातों की जांच करने वाली एजेंसी एनआइए के दो अधिकरी भेजे हैं। इसके साथ ही दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल और उत्तर प्रदेश की एटीएस समेत देशभर की आतंकरोधी एजेंसियां भी जांच में शामिल हैं।

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एजेंसियों की कोशिश मोतिहारी पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ कर आइएसआइ की नई साजिश की सच्चाई का पता लगाने की है। यदि यह सच निकलता है, तो फिर इसे रोकने की नई रणनीति बनानी होगी। छुटभैया अपराधियों को बड़ी रकम का लालच देकर आतंकी हमले को अंजाम देने की साजिश यदि कामयाब होती है, तो भारतीय एजेंसियों के लिए इससे निपटना आसान नहीं होगा।

इसके साथ ही मोतिहारी पुलिस का रहस्योद्घाटन नेपाल में आइएसआइ की बढ़ती गतिविधियों का संकेत भी है। भारतीय एजेंसियां दशकों की मेहनत के बाद नेपाल से आइएसआइ के जाल को खत्म करने में सफल रही थीं। लेकिन आरोपियों के अनुसार रेल ट्रैक को विस्फोटक से उड़ाने के लिए दुबई में रहने वाले नेपाली एजेंट ने लाखों रुपये दिए थे। यही कारण है कि केंद्र सरकार ने रॉ को नेपाल और दुबई में आइएसआइ की गतिविधियों पर विस्तृत खुफिया रिपोर्ट देने को कहा है।

आइएसआइ के तीन कारिंदे पुलिस रिमांड पर

मोतिहारी से जागरण संवाददाता के मुताबिक, आइएसआइ के इशारे पर रेल ट्रैक और ट्रेन उड़ाने की साजिश रचने के मामले में गिरफ्तार तीन शातिर बदमाशों को पुलिस ने बुधवार को छह दिनों के लिए रिमांड पर लिया है। ये अपराधी हैं मोती पासवान, मुकेश यादव और उमाशंकर प्रसाद उर्फ उमाशंकर पटेल। पुलिस यह पता करेगी कि पकड़े गए लोगों को नेपाल और भारत में किन-किन स्थानों पर आइएसआइ के कनेक्शन के बारे में जानकारी है। कानपुर के पुखरायां रेल हादसे में किस स्तर पर आइएसआइ ने साजिश की थी और कैसे ट्रेन हादसा कराया गया।

रेलमंत्री ने मांगा जनता का सहयोग

कानपुर के आसपास हाल के दिनों में हुए रेल हादसों में साजिश और तोड़फोड़ तथा आइएसआइ का हाथ होने की आशंकाओं के बीच रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने आरपीएफ तथा रेलवे अधिकारियों से लगातार सतर्क रहने तथा केंद्र और राज्यों की पुलिस एवं सुरक्षा एजेंसियों के साथ तालमेल बढ़ाने को कहा है। प्रभु ने जनता से भी रेल संपत्तियों की सुरक्षा के प्रति सजग रहने तथा अराजक तत्वों के मंसूबे नाकाम करने में आरपीएफ, जीआरपी एवं सुरक्षा बलों की मदद करने अपील की है।

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