दिल्ली में सामाजिक समरसता की पाठशाला
संघ का दलितों को स्वस्थ व शिक्षित के साथ उद्यमी बनाने पर जोर....
नई दिल्ली (जेएनएन)। दलितों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने राष्ट्रीय राजधानी में नया प्रयोग किया है। सामाजिक समरसता अभियान में पायलट प्रोजक्ट के तौर पर उत्तर पूर्वी दिल्ली के 25 दलित बस्तियों को चुना गया है। इन बस्तियों में रहने वाले लोगों को आत्मनिर्भर बनाकर उनके जीवन स्तर में सुधार लाने की कवायद शुरू की गई है। उन्हें इस स्तर का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे कि वे अपना कारोबार शुरू कर दूसरों को रोजगार दे सकें। इस अभियान का प्रथम चरण दो साल का है। अगर यह सफल होता है तो इसे पूरी दिल्ली के साथ देश के अन्य राज्यों में भी लागू किया जाएगा। समाज से ऊंच-नीच का भाव मिटाने के लिए संघ का सामाजिक समरसता अभियान लंबे समय से चल रहा है। इसके तहत सफाई अभियान, सामूहिक भोजन, वाल्मीकि और अंबेडकर पूजन समेत अन्य सेवाएं की जा रही हैं।
इससे आगे बढ़ते हुए संघ ने अब दलितों को सूक्ष्म व लघु उद्योग का मालिक बनाने की दिशा में कार्य करना शुरू किया है। उन्हें जरूरी प्रशिक्षण देने के साथ राज्य व केंद्र की विभिन्न योजनाओं से कर्ज मुहैया करवाने, कारखाना शुरू करने में जरूरी मदद करने के साथ सेल्स हेल्प ग्रुप बनाने और स्थानीय बाजार में उनके उत्पादों को बेचने में मदद की जाएगी। बस्तियों में दो वर्कशॉप का आयोजन किया जा चुका है। पायलट प्रोजक्ट के लिए संघ के अनुषांगिक संगठन सेवा भारती को नोडल एजेंसी बनाया गया है। खास बात यह है कि इस पायलट प्रोजक्ट में प्रतिभावान बच्चों को उच्च शिक्षा से जोड़ने के साथ प्रशासनिक परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग भी दी जाएगी।
कोशिश है कि गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को सरकार की सभी स्वास्थ्य योजनाओं से जोड़ा जाए। वहीं बच्चों को शिक्षा से जोड़ा जाएगा। 17 मई को हुए दूसरे वर्कशॉप में 85 लोग मौजूद थे। पॉवर प्रजेंटेशन के माध्यम से उन्हें केंद्र व राज्य की स्वास्थ्य, शिक्षा और अपना उद्यम शुरू करने की योजनाओं के बारे में विस्तार से समझाया गया। अभियान को आगे बढ़ाने के लिए संबंधित बस्तियों के लोगों की समितियां बनाई गई हैं। उसमें पूर्व सरकारी कर्मचारी व विभिन्न क्षेत्र के विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। इस बारे में दिल्ली प्रांत के सह संघचालक आलोक कुमार ने बताया कि सामाजिक समरसता अभियान में अब यह कोशिश है कि वह अब अपने उद्यम के मालिक बने। जहां निर्णय होते हैं, वहां उनकी सहभागिता हो।
-नेमिष हेमंत
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